मनोज कुमार
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Bir Tawil: दुनिया में जमीन के एक छोटे से टुकडे़ के लिए इतिहास में कई लड़ाइयां लड़ी गई हैं। जमीन पर कब्जे के लिए भाई-भाई आपस में खून बहाते नजर आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जमीन ऐसी भी है, जिस पर कोई देश या कोई व्यक्ति अपना दावा नहीं करता। हजारों वर्ग किमी की यह जमीन लावारिस पड़ी हुई है। यह दुनिया की इकलौती इसी जगह है जिस पर जाओ और अपना अधिकार जमाकर राजा बन जाओ, लेकिन यहां कोई जाना ही नहीं चाहता। आइए विस्तार से जानते हैं इस जगह के बारे में।
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दरअसल, मिस्र और सूडान की सीमा पर मौजूद इस चगह का नाम है ‘बीर तविल’. (BIR TWIL) 2060 वर्ग किमी में फैला ये इस लावारिस हिस्से को किसी भी देश ने अब तक इस पर अपना दावा नहीं किया है। इस जगह को कोई इसलिए नहीं अपनाता, क्योंकि यहां के हालात बाकी जगहों से काफी अलग हैं। लाल सागर के करीब ये एक रेगिस्तानी इलाका है। यहां बेहद सूखी और गर्म हवाएं चलती हैं। इस जगह पर दूर-दूर तक न तो कोई वनस्पति है और न ही पानी का कोई निशान है। साफ है कि ऐसे में यहां जिंदा रहना आसान नहीं है।
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आपको बता दें कि यूनाइटेड किंग्डम ने साल 1899 में सूडान और मिस्र के बीच सीमा का निर्धारण किया था। लेकिन इस सूखे रेगिस्तान को मिस्र और सूडान ने अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं रखा। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यहां तेल और सोने का भंडार है। लेकिन फिर भी यहां कोई नहीं आना चाहता। जिसकी वजह साफ है यहां पर पानी और वनस्पति का नामोनिशान भी नही होने के कारण यहां ज्यादा देर रुकना आसान नहीं है।
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बता दें कि साल 2017 में एक भारतीय शख्स सुयश दीक्षित (Suyash Dixit) निवासी इंदौर ने अपने आप को यहां का शासक घोषित कर इस जगह को ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ नाम दिया था। साथ ही उसने अपने देश का एक झंडा भी यहां लगा दिया था। इतना ही नहीं, उसने एक वेबसाइट बनाई और लोगों को यहां की नागरिकता लेने और निवेश करने के लिए भी कहा। मगर वो खुद यहां ज्यादा देर नहीं रह सका। यहां से लौटने के बाद दोबारा वो कभी वापस नहीं आया। तब इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं थी।
इसके पहले एक रूसी नागरिक और एक अमेरिकी नागरिक ने भी इस जगह पर अपना दावा पेश किया था। लेकिन दोनो में से कोई भी इस जगह पर ज्यादा देर नहीं टिक पाए और ना कभी वहां पर बस न पाया। जिस कारण बीर तविल भूमि अभी भी वीरान पड़ी हुई है इस भूखंड पर आज तक किसी का भी दावा माना नहीं गया है।