मेरठ। सरकार पिछले काफी समय से हर साल आजादी का अमृत महोत्सव मनाती है। इसके लिए देशवासियों को उनके निजी संस्थानों पर भारतीय तिरंगे को लगाने के लिए प्र्रेरित किया जाता है। इसके लिए सरकारी कर्मचारी व अधिकारी व निजी संस्थाओं की मदद से जनता को प्रेरित किया जाता है। जिससे देशवासियों में देश के प्रति मान-सम्मान व देशभक्ति का जज्बा पैदा किया जा सके।
आजादी का अमृत महोत्सव साल 2023 में 13 से 15 अगस्त जारी रखने के आदेश जारी हुए। इसके लिए भारत सरकार ने बाकायदा झंडा अधिनियम में संशोधन किया। जिसके तहत अब तिरंगे को अपने निजी आवास पर दिन-फहराया जा सकता है। जबकि इससे पहले तिरंगे को केवल दिन में ही फहराया जा सकता था।
यह सरकारी की पहल तो अच्छी है, लेकिन तिरंगे के अपमान को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई। जिसके चलते गांव देहात में लोग तिरंगे को लगाकर भूल गए। अब आलम यह है कि लोगों ने अपने निजी आवासों पर फटे हुए और मेले तिरंगे लगा रखे हैं।
अधिकतर लोगों ने केवल शासन-प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों को मान तो लिया लेकिन तिरंगे के मान-सम्मान को भूल गए। हेरत की बात तो यह है कि सरकारी कर्मचारी भी इस ओर उन्हें जागरूक नहीं कर रहे हैं। भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 में स्पष्ट किया गया है कि फटा हुआ या मेला तिरंगा लगाना उसका अपमान करना माना जाएगा। पहली बार अपाध करने पर संबधिति व्यक्ति को तीन साल की सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा।
क्या हैं ध्वज फहराने के नियम
हालांकि संविधान में राष्ट,ीय ध्वज को फहराने के लिए समय निर्धारित किया गया था, लेकिन नए संशोधन के अनुसार अब 24 घंटे अपने निजी संस्थानों या घरों पर भी तिरंगा फहराया जा सकता है। अधिनियम के तहत तिरंगे को उचित स्थान पर फहराया जाए। जहां से यह सभी को दिखाई दे। तिरंगे के बगल में अगर किसी अन्य झंडे को लगाना है तो वह तिरंगे से नीचे होना चाहिए। तिरंगे को बिगुल के साथ फहराया जाना चाहिए। किसी भी सूरत में तिरंगा झूका हुआ या फटा हुआ या मेला न हो। तिरंग अगर फट गया है या फिर मेला हो गया है तो उसे सम्मान के साथ अकेले नष्ट किया जाना चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकार
इस बाबत सीडीओ नुपूर गोयल से बात की। उन्होंने कहा कि तिरंगे का अपमान करना बड़ा अपराध है। किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता से अपील करते हैं कि किसी भी सूरत में तिरंग का अपमान न किया जाए। इसके लिए लेखपाल व ग्राम सचिवों को निर्देशित किया जाएगा। इसके बाद भी अगर तिरंगा का अपमान करता कोई व्यक्ति पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।