मुजफ्फरनगर: खतौली भाजपा विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में उनको अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट से हुई दो साल की सजा के मामले में भाजपा विधायक ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की है। विधायक के अधिवक्ता भारतवीर अहलावत ने बताया कि अपील दायर कर दी है, जल्द ही सुनवाई की तिथि तय हो जाएगी।
मुजफ्फरनगर जिले में 29 अगस्त 2013
कवाल कांड में हिंसा और आगजनी की घटना के बाद पुलिस ने तब पूर्व प्रधान के पति विक्रम सैनी समेत 28 लोगों के खिलाफ सिखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में विधायक विक्रम सैनी समेत 12 आरोपियों को अदालत ने 11 अक्तूबर को दो-दो साल कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। वहीं हाल ही में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता चले जाने के मामले के बाद विक्रम सैनी का प्रकरण में विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं।
विधानसभा सचिवालय का कहना है कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता स्वतः ही समाप्त हो जाती है। विक्रम सैनी के मामले को परीक्षण के लिए न्याय विभाग को भेजकर स्पष्ट राय मांगी है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दो साल की सजा पर लागू होगा या दो साल से अधिक की सजा पर ही लागू होगा। न्याय विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सीट रिक्त घोषित करने पर निर्णय किया जाएगा। उधर, जिला प्रशासन ने अदालत के फैसले की कॉपी शासन को भेज दी है। डीजीसी राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि डीएम ऑफिस के माध्यम से विधायक को सजा की कॉपी भेजी गई है।