निजी मेडिकल कालेज में गर्भवती महिलाओं की जांच कराती मिली आशा वर्कर

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मेरठ। सीएमओ कार्यालय को लगातार सूचना मिल रहीं थी कि खरखौदा सीएचसी क्षेत्र की आशा वर्कर विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की जांच और प्रसव कराती हैं। इससे गरीब परिवारों की लुटाई होती है, जबकि बदले में आशा को खासा मुनाफा होता है। ऐसी ही एक सूचना पर गुरुवार को सीएमओ डा अखिलेश मोहन ने एक निजी मेडिकल कालेज में छापा मारकर कई आशाओं को पकड़ लिया।
सीएमओ की इस कार्रवाई से आशा वर्करों में हड़कंप मच गया है। वह जहां अपनी सफाई देने विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को लगातार फोन करके गुहार लगा रहीं हैं, वहीं विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई में जुटा है।
विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले काफी समय से सूचना मिल रही थी कि आशाएं गर्भवती महिलाओं को सीएचसी में न लाकर निजी अस्पतालों में ला जाती हैं। इसके चलते पिछले दिनों भी नगर के अस्पताल पर कार्रवाई हुई थी। बीते गुरुवार को सीएमओ ने दल-बल के साथ नालपुर गांव स्थिति एक निजी मेडिकल कालेज में छापा मारा।
बताया जाता है कि यहां कई आशा वर्कर मिली। सीएमओ की गाड़ी देकर वह इधर-उधर भागने लगी, लेकिन सीएमओ की टीम पुख्ता सूचना पर यहां पहुंची थी। टीम ने यूनिफाॅर्म में आई आशाओं की फोटो ली और वीडियो फिल्म भी बनाई। इस कार्रवाई सूचना फेलने से विभाग में हड़कंप मच गया।
खरखौदा सीएचसी प्रभारी डा प्रफुल वर्मा ने बताया कि सीएचसी में कुल 110 आशाएं तैनात हैं, जबकि कुल पांच आशा संगिनी हैं। हालांकि अधिकतर आशाएं सीएचसी में ही गर्भवती महिलाओं की जांच और प्रसव कराती हैं, लेकिन कुछ आशाएं पिछले काफी समय से अवैध वसूली के प्रयास में निजी अस्पतालों के संपर्क में आने की सूचना मिल रही थी। जिसके चलते गुरुवार को सीएमओ ने टीम के साथ क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में छापा मारा। यहां कई आशा यूनिफाॅर्म में मिली हैं। उनसे पूछताछ के बाद अवश्य कार्रवाई की जाएगी।  कई आशाओं का कहना है कि वह अपने परिचित मरीजों को देखने गई थीं।

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