मथुरा: कान्हा की नगरी में भक्तों के साथ अमानवीय व्यवहार, ठंड में शरण मांगने पर कर दी पानी की बौछार

Manoj Kumar
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फुटपाथ पर सौते गरीब

मथुरा: अपनों से दुत्कार और किस्मत की मार सहकर इस उम्मीद में कान्हा की नगरी पहुंचे की बाकी की जिंदगी राधा-कृष्ण का नाम रटते-रटते जिंदगी गुजर जाएगी। आस्था की डोर से बंधे लोग यहां आ तो गए लेकिन उनको यहां भी दुत्कार ही मिल रही हैं। सर्द रात में ठंडे पानी की बौछार की गई। आश्रम के पास फुटपाथ पर सो रहे इन गरीबों को धमकाकर दौड़ाया गया। भीगने की वजह से बेचारो की पूरी रात जागकर गुजरी। इन आलीशान आश्रमों की शोभा खराब न हो, इसलिए कन्हैया के भक्तों के साथ इस अमानवीय कृत्य से धर्म की व्याख्या करने वालों के चेहरे से नकाब हट गया है। 

रात जागकर गुजारते लोग

दरअसल, शुक्रवार की सुबह गौरी गौपाल और आनंद वाटिका आश्रम के बीच फुटपाथ पर दो वृद्ध महिलाओं के संदिग्ध अवस्था में शव मिले थे। जिसके बाद कुछ लोगो ने आश्रमो पर आरोप लगाए की शाम होते ही यहां पर किसी को भी रुकने नहीं दिया जाता है। श्रद्धालुओ को जबरन धक्के मारकर बाहर निकाल दिया जाता है। शनिवार रात को यह बात सच भी हो गई। यहां फुटपाथ पर सो रहे भक्तों पर पानी डालकर उन्हें दौड़ाया गया। भीगे कपड़ों और बिछौने से भक्तों ने रात जागकर गुजारी। चेतावनी दी गई कि अगर यहां सोते मिले तो फिर से पानी डाल दिया जाएगा। 

फुटपाथ पर अपना जीवन गुजार रहे कान्हा के एक भक्त मांगेराम ने बताया कि उनका दुनिया में कोई नहीं है। आस्था की डोर थामे आखिरी वक्त में  कन्हैया की नगरी में आ गए। यहां आश्रमों में कथाएं सुनते हैं। खाने को मिल जाता है लेकिन जब रात में सोने की बात आती है तो जगह नहीं हैं कहकर दुत्कार देते हैं। फुटपाथ पर ही जीवन गुजार रहा हूं। लेकिन हम पर रात में सोते हुए पानी डाल दिया, कपड़े भीग गए। वे अकेले ऐसे नहीं हैं, हजारों बेसहारा भक्त वृंदावन, मथुरा, गोवर्धन में ऐसे ही जीवन गुजार रहे हैं। इन सभी को आश्रम के बाहर रुकने पर भगा दिया जाता है।
 

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