UP: ऐतिहासिक गंगा मेले मे भैंसा बुग्गी और पशु मेले पर रोक, राकेश टिकैत ने जताया रोष

Manoj Kumar
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मनोज कुमार

उत्तर प्रदेश: कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले ऐतिहासिक गंगा मेले में इस बार श्रद्धालु भैंसा बुग्गी से नहीं जा पाएंगे। पशुओं में फेल रही लंपी स्किन बीमारी के कारण यह निर्णय लिया गया है। ऐसे में मेले में अश्व प्रदर्शनी-विपणन मेले के आयोजन पर रोक लगायी गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील कि है कि वे गंगा स्नान मेले में किसी भी घोड़े, गधे, खच्चर, गाय, बैल व भैंस को न ले जाएं एवं किसी भी प्रकार की पशु प्रदर्शनी का आयोजन न कराएं।

मेरठ और हापुड़ प्रशासन की तरफ से भैंसा बुग्गी पर रोक के संबंध में जिलाधिकारी मेरठ दीपक मीणा ने बताया कि हापुड़ सहित अन्य सभी जनपदो में गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में घातक वायरल बीमारी लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप फैला हुआ है। इस बीमारी में पशुओं की त्वचा पर गांठनुमा फफोले व घांव हो जाते हैं। पशु को तेज बुखार बना रहता है एवं पशु चारा खाना बंद कर देता है। गामिन पशुओं में गर्भपात हो जाता है तथा पशु बांझपन के शिकार हो जाते हैं।

यह बीमारी गाय-भैंसो के साथ-साथ घोडे, गधे, खच्चर, ऊंट एवं हिरन प्रजाति के पशुओं को सर्वाधिक प्रभावित करती है। मेले प्रदर्शनी में पशुओं के एक स्थान पर एकत्र होने से लक्षणविहीन किन्तु रोग के वाहक पशुओं के द्वारा यह बीमारी अन्य सभी संपर्क में आने वाले पशुओं में घातक रूप से प्रबल संभावना है। इस पर्व में उक्त गंगा स्नान मेले के साथ-साथ अश्व प्रदर्शनी-अश्व विपणन का कार्य भी होता रहा है। जो इस बार बंद रहेगा।

गंगा स्नान मेले में भैंसा-बोगी ले जाने पर रोक के फैसले को भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने गलत करार दिया है। टिकैत ने कहा कि दोनों जिलों का प्रशासन प्राचीन संस्कृति के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर रहा है। दोनों जिलों का प्रशासन भैसा-बोगी पर रोक लगा रहा है। यह बेहद निंदनीय है। मेले भारतीय संस्कृति की पहचान है।उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दोनों जिलों का प्रशासन गांव-गांव से किसानों को नि:शुल्क मेलों में आवागमन की व्यवस्था कर सकेगा। किसान खुद अपना नफा नुकसान जानता है।

बृहस्पतिवार को टिकैत ने प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए कहा कि पहले हादसा होने पर ट्रैक्टर पर प्रतिबंध लगाया गया। अब लंपी बीमारी की बात कर ग्रामीण क्षेत्र के लोग सदियों से मेलों में अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर जाते हैं। सिर्फ यूपी के ही नहीं, बल्कि हरियाणा के किसान भी भैसा-बोगी पर गंगा स्नान में आते रहे हैं। किसान अपने वाहन पर शान से चलता रहा है।

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