उत्तर प्रदेश: उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा था कि ‘यूपी पुलिस निर्दोषों को जेल भेजकर फर्जी खुलासे करती है’। इस मौके पर उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार भी मौजूद थे। एसीएस होम के बयान पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़ी आपत्ति जताई है। अपर महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने उनके बयान को गैरजिम्मेदाराना और आपत्तिजनक बताया है।
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दरअसल, उत्तराखंड में अपराधी को पकड़ने गई यूपी पुलिस की फायरिंग में एक महिला की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है। जिसको लेकर उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा था कि “यूपी पुलिस दोषियों की बजाय निर्दोष लोगों को पकड़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस कई बार निर्दोष व्यक्ति को पकड़कर कहती है कि हमने क्राइम केस सॉल्व कर दिया, जो सरासर गलत है। निर्दोष लोगों को पकड़कर क्राइम केसों को सॉल्व करने का चलन बहुत ही गलत है।”
इसको लेकर उत्तर प्रदेश अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने उनके बयान को बहुत ही आपत्तिजनक और खेदजनक है। उन्होंने कहा कि एसीएस होम जैसे पद पर बैठी एक अधिकारी द्वारा दिए गए इस तरह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से ऐसे बयानों पर तत्काल रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने अपराधियों और अपराध रोकने को लेकर देश के सामने एक नजीर रखी है। उत्तराखंड की एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दिया गया यह बयान पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय से दोषी करार दिए गए मुख्तार अंसारी, विजय मिश्रा, एक लाख का इनामी वांछित जफर और उधमसिंह नगर का वांछित ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख क्या निर्दोष हैं।