दुखदǃ बिहार और मध्यप्रदेश में सरकारी सिस्टम के सामने दो मासूमों की दर्दनाक मौत

आँखों देखी
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मासूम बच्ची का फाइल फोटो
मासूम बच्ची का फाइल फोटो

MP/Bihar:  गुरुवार को मध्य प्रदेश और बिहार में दो मासूम जिंदगियों ने दम तोड़ दिया। दुर्भाग्य से इन दोनों मासूम बच्चों की मौत की एक ही कहानी नजर आई। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 3 साल की सृष्टि जिंदगी से लड़ते-लड़ते हार गई तो वहीं बिहार के रोहतास में 12 साल का मासूम रंजन भी यह जंग आखिरकार जीत नहीं सका।

दोनों ही मासूमों की मौत भले ही अलग-अलग राज्यों में हुई है लेकिन इनके मौत की कहानी और परिस्थितियां काफी हद तक एक जैसी है। सबसे पहले बात मध्य प्रदेश के सीहोर के एक गांव मुंगावली की। बीते मंगलवार को यहां ढाई साल की मासूम बच्ची सृष्टि 300 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरी। शुरू में यह बच्ची 40 फीट की गहराई में अटक गई थी। माता-पिता और ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद यहां शुरू हुई सृष्टि को बचाने की मुहिम। लेकिन बोरवेल के आसपास मशीनों से होने वाले कंपन की वजह से सृष्टि फिसल गई और 100 फीट की गहराई में पहुंच गई।

सृष्टि को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के साथ-साथ आर्मी की टीमें भी लगी हुई थीं। सृष्टि तक पाइप के सहारे ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य आलाधिकारी लगातार सृष्टि को बचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर नजर रख रहे थे।

बच्ची को बचाने का प्रयास हाेता रहा

गुरुवार को सृष्टि को बचाने के लिए गुजरात से रोबोटिक विशेषज्ञों की टीम पहुंची। लंबे संघर्ष के बाद शाम के वक्त सृष्टि को निकाला जा सका। लेकिन सृष्टि को बोरवेल से बेहोशी की हालत में निकाला गया था। आनन-फानन में सृष्टि को अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने यहां बताया कि दम घुटने की वजह से सृष्टि जिंदगी की यह जंग हार गई है। दो डॉक्टरों ने सृष्टि का पोस्टमार्टम किया और शुरुआती रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि सांस रुकने की वजह से सृष्टि की मौत हुई थी। चिकित्सकों ने यह भी बताया कि ढाई साल की मासूम बच्ची के शव की हालत भी खराब हो गई थी। सृष्टि की मौत से उसके परिवार में मातम पसर गया।

पिलर और दीवार के बीच फंसा 12 साल का मासूम

सृष्टि के अलावा बिहार में 12 साल के रंजन की मौत की खबर भी दिल को झकझोर देने वाली रही । रोहतास जिले में सोन नदी पर बने पुल के पिलर और दीवार के बीच 12 साल का मासूम रंजन फंस गया था। रंजन को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने दीवार को काटकट छेद कर दिया। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर घंटों तक डटे रहे। लेकिन अंत में सारी कवायदें नाकाफी साबित हुईं।

जमालपुर और अतिमीगंज के समीप नासरीगंज- दाऊदनगर सोन पुल की पिलर और दीवार के बीच नाबालिग बच्चा कई घंटों तक फंसा रहा और तड़पता रहा। दीवार और पिलर के बीच की चौड़ाई एक फुट से भी कम थी लिहाजा बच्चे का शरीर आंशिक रूप से नजर आ रहा था। बुधवार की दोपहर जब बच्चे के चीखने की आवाज लोगों के कानों में पड़ी तब जाकर बच्चे को सुरक्षित निकालने का प्रयास शुरू हुआ। बांस के सहारे बच्चे तक खाना और पानी पहुंचाया गया था। मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे गए थे।

रंजन को बचाने के लिए 24 घंटे से अधिक समय तक ऑपरेशन चलाया गया। बाद में पिलर और दीवार के बीच फंसे रंजन को निकालने के लिए एप्रोच रोड का स्लैब बुलडोजर के जरिए तोड़ा गया। रंजन को भी अचेत अवस्था में बाहर निकाला गया था। चिकित्सकों ने रंजन को मृत घोषित कर दिया। बिहार और एमपी में दो मासूम बच्चों की मौत से सभी सन्न हैं।

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