कनार्टक में मिली हार के तुरन्त बाद बृजभूषण पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला‚ WFI के कामकाज से किया अलग

आँखों देखी
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बृजभूषण
बृजभूषण

New Delhi: कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के कुछ घंटे बाद ही मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बृजभूषण सिंह को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के कामकाज से अलग कर दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने शनिवार को  WFI के सभी पदाधिकारियों के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और उनके आर्थिक कामकाज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

यह फैसला जंतर मंतर पर बैठे देश के पहलवानों के पक्ष में बेहद अहम हैं।  शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि खेल मंत्रालय के 24 अप्रैल 2023 के दिए आदेश का हवाला दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने WFI से सभी खातो‚ दस्तावेजों और विदेश में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए संचालित वेबसाइट का लॉगिन-पासवर्ड सौंपने के लिए कहा है।

आपको बता दें अगले तीन महीने में अखिल भारतीय कुश्ती महसंघ के अध्यक्ष पद पर चुनाव होने वाला है। खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ की अस्थाई समिति को चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा था। 

ध्यान रहे कि बृजभूषण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पहलवान करीब 22 दिनों से बृजभूषण की गिरफ्तारी को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार के दबाव में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई नही कर रही है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने 12 मई को बृजभूषण के बयान दर्ज किये हैं। बृजभूषण सिंह ने खुद को बेकसूर बताया है। 

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