क्या हिंडनबर्ग रिसर्च से है पत्रकार रवीश कुमार का कनेक्शन

आँखों देखी
4 Min Read
रवीश कुमार
रवीश कुमार

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को जारी की गई थी। तब से लेकर अब तक अडानी समूह की संपत्ति लगभग आधी खत्म हो गई है।  कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स कहलाने वाले गौतम अडानी अब 22वें नंबर पर पहुंच गए हैं। अब उनकी कुल दौलत महज 10 लाख करोड़ रुपए ही रह गई है। 

भारत में अडानी को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष जांच की मांग कर रहा है‚ तो सरकार चुप्पी साधे हुए है और सबकुछ सही बता रही है। दूसरी ओर अडाणी समूह इसे देश पर हमला बता रहा है। हालांकि इन सबके बीच एक बेहद ही हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आयी है। दरअसल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पीछे NDTV के पूर्व पत्रकार रवीश कुमार का नाम सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि रवीश कुमार ने हिंडनबर्ग रिसर्च के साथ मिलकर अडानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी की है।

यह भी पढ़ें- इंदौर में कांग्रेस नेता के 8 वर्षीय बेटे की अपरहण के बाद हत्या‚ मांगी थी 4 करोड़ की फिरौती

इसकी वजह अडानी द्वारा NDTV का अधिग्रहण करना बताया जा रहा है।  सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि  एनडीटीवी से इस्तीफा देने के बाद रवीश कुमार न्यूयॉर्क गए थे। जहां उन्होने 1 महीने तक हिंडनबर्ग रिसर्च की टीम के साथ मिलकर अडानी के खिलाफ काम किया। यह भी दावा किया गया है कि रवीश कुमार लगभग 7 बार हिंडनबर्ग रिसर्च के ऑफिस गए और उनकी टीम के साथ रिपोर्ट तैयार की। कुछ लोग तो रवीश कुमार को एंटी नेशनल तक बता रहे हैं।  ट्विटर पर रवीश कुमार को लेकर इस तरह के सैकड़ों संदेश इधर से उधर भेजें जा रहे हैं। 

इन आरोपो को लेकर खुद पत्रकार रवीश कुमार ने एक वीडियो जारी करते हुए अपना पक्ष रखा है।  रवीश कुमार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर उनको लेकर जो अफवाह फैलाई जा रही है वह बेबुनियाद और हास्यास्पद है।  उन्होंने कहा है कि 24 जनवरी से पहले उन्हें यह भी नहीं पता था कि हिंडनबर्ग रिसर्च है क्या। वीडियो में रवीश कुमार ने कहा है कि कुछ लोग बिना सोचे समझे इस तरह की बातेें कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें- ब्रिकी में गिरावट को देखते हुए DELL ने किया 6,650 कर्मचारियों को बाहर निकालने का ऐलान

हालांकि रविश कुमार ने आईटी सेल पर इस तरह की अफवाह को फैलाने का आरोप लगाया है।  वीडियो में रवीश कुमार दिल्ली स्थित हिंडन नदी के पास दिखाई दे रहे हैं‚  जो कह रहे हैं कि उन्होंने हिंडन नदी को जरूर देखा है लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च के बारे में 24 जनवरी से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।  रवीश कुमार ने कहा कि उन्हें खुद 24 जनवरी को किसी दूसरे से पता चला था कि हिंडनबर्ग रिसर्च नाम की किसी कंपनी ने अडानी को लेकर कुछ खुलासा किया है। उन्होने कहा कि यह एक बहुत बड़ा स्कैम है जिसमें उनके नाम को शामिल करना मूर्खतापूर्ण हैं। रवीश कुमार ने कहा है कि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बाते की जा रही हैं।

इस मामले में आपकी राय है हमें कमेंट करके जरूर बताएं। 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply