Meerut: सरधना में दूषित पानी का कहर, डेढ़ साल की बच्ची सहित अब तक पांच की मौत

संवाददाता: प्रवीण सैनी

उत्तर प्रदेश: मेरठ जिले के कस्बा सरधना के मोहल्ला चमारान में दूषित पानी पीने से बीमार होने का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को मेरठ अस्पताल में भर्ती वसीम सैफी की डेढ़ साल की बच्ची सानिया की मौत हो गई। जबकि गर्भस्थ शिशु समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दूषित पानी के संक्रमण से यह पांचवी मौत है। अब तक 289 लोग बीमार हो चुके हैं, इस दहशत में  मोहल्ले के 22 परिवार घरों में ताला लगाकर रिश्तेदारी में जा चुके हैं।

सरधना नगर के मोहल्ला मंडी चमारान में दूषित पानी हैजे के कारण बीमार होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। दूषित पानी से अब तक पांच मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। मंगलवार को भी 9 लोगो को सरधना सीएचसी में भर्ती कराया गया है। लोगों ने बताया कि दूषित पानी की सप्लाई के बाद नगर पालिका ने पानी के टैंकर भेजने शुरू किए थे, लेकिन उनसे पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मोहल्ले में पाइप लाइन बदलने के लिए रास्तों में खुदाई कराने के बाद जगह जगह मलबे के ढेर लगे हैं। घरों की निकासी का पानी गलियों में भरा है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

इस बारे में सरधना एसडीएम सत्यप्रकाश ने बताया कि नई पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। जल निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम पानी के सैंपल लेकर जांच कर रही है। रिपोर्ट सामान्य आने पर गुरुवार से मोहल्ले में नई पाइप लाइन से स्वच्छ पानी की आपूर्ति शुरू की जाएगी। मोहल्लों में एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग को कराई जा रही है। इसके अलावा पानी की आपूर्ति बदलने के बाद भी लोग बीमार हो रहे हैं, जिससे लोग संक्रमण के दूसरे कारण का भी अंदेशा जता रहे हैं।

इससे पहले मंगलवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान के नेतृत्व में कस्बे के लोग मेरठ डीएम दीपक मीणा से मिले और नगर की समस्याओ से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नगर में फैली हैजा बीमारी से मृत लोगों के परिवारों की आर्थिक मदद की जाए। निजी अस्पताल में उपचार कराने वाले मरीजों को उनके पैसे वापस कराए जाएं।  नगर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए। नगर से निकलने वाले कूड़े का उचित स्थान तय किया जाए। सरकारी जमीनों पर हो रहे कब्जों पर रोक लगाकर खाली कराया जाए। परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए।

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