UP में अब प्रधानाचार्य के आदेश से नही मिलेगी शिक्षको को छुट्टी‚ ऑनलाइन करना होगा आवेदन

सीएम सोगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षको के लिए अवकाश के नियम दिए गए हैं. योगी सरकार ने स्कूल-कॉलेजों के प्रधानाचार्य के अधिकार कम करते हुए नया फरमान जारी कर दिया है।  अगर आप एक सरकारी अध्यापक हैं और आपको छुट्टी लेनी है, तो अब सिर्फ स्कूल के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखने से काम नहीं चलेगा. आपकी छुट्टी का फैसला मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक जैसे सरकारी अधिकारी करेंगे.

अब ऐसे मिलेगी छृटटी
अवकाश का आवेदन भी ऑनलाइन करना होगा. आपको मानव संपदा पोर्टल के जरिए लीव एप्लिकेशन देना होगा. मेडिकल लीव, कैजुअल लीव समेत अलग-अलग तरह की छुट्टियों के लिए नियम भी अलग होंगे. इस बारे में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने जानकारी दी है.

अगर एलटी ग्रेड टीचर और प्रवक्ता को 30 दिन तक का मेडिकल या उपार्जित अवकाश चाहिए, तो प्रधानाचार्य की मंजूरी से काम नही चलेगा। अब  जिला विद्यालय निरीक्षक के पास आवेदन भेजना होगा. ये छुट्टियां मंजूर करने का अधिकार डीआईओएस के पास होगा. पहले ये प्रिंसिपल के पास होता था. लेकिन अब स्कूल प्रिंसिपल के पास सिर्फ आकस्मिक अवकाश यानी अर्जेंट लीव मंजूर करने का ही अधिकार होगा.

इसके अलावा चार महीने तक की मेडिकल लीव, अन्र्ड लीव, बच्चों की देखभाल, पढ़ाई के लिए छुट्टी, मैटरनिटी लीव या कोई अन्य असाधारण छुट्टी मंजूर करने का अधिकार मंडलीय उप शिक्षा निदेशक के पास होगा. जबकि शिक्षा निदेशक (माध्यमक) और अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) के पास अवकाश स्वीकृत करने की जिम्मेदारी नहीं होगी.

मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक 30 दिन से 90 दिन तक की मेडिकल लीव और 30 से 60 दिन तक की श्वड्डह्म्ठ्ठद्गस्र रुद्गड्ड1द्ग स्वीकार कर सकेंगे.इनके पास अपने अधीनस्थ अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद ईएल इनकैशमेंट और महिला अधिकारियों को बच्चों की देखरेख के लिए 30 दिन तक की छुट्टी देने का अधिकार होगा.

छुट्टी अप्लाई करने और मंजूर करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. टीचर/ कर्मचारी अप्लाई करेंगे और उनके रिपोर्टिंग मैनेजर/ अधिकारी वहीं से उसे अप्रूव करेंगे. आपको आवेदन पत्र लेकर कहीं भागदौड़ नहीं करनी होगी. इस संबंध में स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव के पास प्रस्ताव भेज दिया है.

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