हापुड़: लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद, धड़ल्ले से कट रहे आम के हरे पेड़, वन विभाग मौन

Manoj Kumar
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संवाददाता: भूपेंद्र वर्मा


उत्तर प्रदेश: हापुड़ जनपद में लगातार काटे जा रहे आम के हरे फलदार वृक्षों के कटान को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों की अनदेखी बहुत कुछ बयां कर रही है। कुछ भी कहा जाए लेकिन यह सत्य है कि जिले के कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे हरियाली पर कुलहाड़ा चल रहा है।


आपको बता दें कि हापुड़ जनपद की तहसील गढ़मुक्तेश्वर का बहादुरगढ़ क्षेत्र सबसे अधिक आम के फलदार एवं हरे प्रतिबंधित वृक्षों का कटान करने को लेकर सुर्खियों में रहता है। क्योंकि सिंभावली क्षेत्र लकड़ी मंडी का हब बन चुका है। जहां लकड़ी माफियाओं के द्वारा रात को प्रतिबंधित लकड़ी को काटकर क्षेत्र में संचालित मिनी आरा मशीनों के द्वारा इनको ठिकाने लगाया जा रहा हैं वहीं सरकार को भी लाखों रुपए राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। लेकिन वन विभाग के आला अधिकारी फिर भी मौन बने हुए हैं।

वही इस मामले को लेकर नाम न छापने की शर्त पर वन विभाग में ही कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि यह सब गोरखधंधा जनपद के आला अधिकारियों की शह पर चलता है। इसीलिए हरे फलदार वृक्षों के कटान पर रोक लगाना असंभव है। जिसके चलते जनपद में लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। इसी क्रम में ताजातरीन एक मामला बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव मार्गपुर के रास्ते पर आम के हरे फलदार वृक्षों के कटान को लेकर प्रकाश में आया है। जिसमें लकड़ी माफियाओं के द्वारा आम के हरे फलदार वृक्षों पर खुलेआम कुल्हाड़ा बजाया जा रहा है।

जिसमें परमिशन दी हुई है सूखे रोग ग्रस्त पेड़ों को काटने की लेकिन लकड़ी माफियाओं के द्वारा बेखौफ होकर काटे जा रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में आम के हरे फलदार वृक्ष और वन विभाग के आला अधिकारी बने हुए हैं मूकदर्शक आखिर क्यूं। इन सभी तथ्यों के मद्देनजर वन विभाग के आला अधिकारियों की अनदेखी कहा जाए या लकड़ी माफियाओं को सरपरस्ती।

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