Joshimath Landslide Tragedy: समय बढ़ने के साथ-साथ जोशीमठ में अब हालात बद से बदतर हो जा रहे हैं। हालत यह है कि महज 15 दिनों में पूरा शहर बर्बाद हो गया है। हैरानी की बात यह है कि अब लोगों के घरों के साथ शंकराचार्य मठ में भी कई जगह दरारें हो गई हैं। इसके चलते मठ भवन को भी खतरा पैदा हो गया है।
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए शंकराचार्य मठ (Shankaracharya Math) के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद (Swami Vishwapriyananda) ने कहा है कि आपदा का कारण “विकास” होता है। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले शंकराचार्य मठ में कोई दरार नहीं थी‚ लेकिन इन दिनों मठ में भी दरारें आ गई हैं। मठ प्रमुख ने कहा कि अब पनबिजली परियोजनाओं के रूप में विनाश का कारण बन गया है और सुरंगो ने हमारे शहर को प्रभावित किया है।
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इससे पहले जिलाधिकारी हिमांशी खुराना ने राहत शिविरों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को कोई भी जरूरत है तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है। दूसरी ओर मोदी सरकार उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भाषाओं को लेकर चिंता होने का दावा कर रही है। इस संबंध में रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की बात कही है।
यह बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत का जोशीमठ के ताजा हालात के बारे में जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया है कि प्रभावित लोगों को सुरक्षा व पुनर्वास के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। उन्होने दावा किया सभी लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा रहा है।
आपको बता दें कि लगातार दरकते जा रहे जोशीमठ को बचाने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी सक्रिय होने का दावा कर रही है। रविवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने बताया है कि स्थिति काफी गंभीर है और तेजी से काम करने की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सोमवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे। अब तक सैकडों घरों में दरारें पैदा हो चुकी हैं।