उत्तर प्रदेश: आगरा जिले के सैंया क्षेत्र में लेखपाल द्वारा बिना रिश्वत जाति प्रमाण पत्र बनाने से मना करने पर नाराज एक मजदूर पिता मोबाइल टावर पर चढ़ गया और सारी रात उसी पर बैठा रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने बेटे के जाति प्रमाणपत्र के बिना टावर से नीचे उतरने से साफ इनकार कर दिया। मंगलवार की सुबह सात बजे तहसीलदार मौके पर पहुंचे और पीड़ित के बेटे को केवल दो घंटे में ही जाति प्रमाणपत्र बनाकर दिया तब पीड़ित पिता टावर से नीचे उतरा।

जानकारी के अनुसार, सैंया थाना क्षेत्र के नदीम गांव निवासी श्रीनिवास मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसका बड़ा बेटा लवेश 12 वीं पास कर सेना भर्ती की तैयारी कर रहा है। लवेश ने 15 जुलाई को अपना जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया। आरोप है कि लेखपाल ने बिना रिश्वत के आवेदन आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। लवेश ने 30 अगस्त को दोबारा आवेदन किया लेकिन तब भी बिना रिश्वत के लवेश का प्रमाणपत्र नहीं बन सका। लेखपाल से उसने अपनी जाति का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए काफी गुहार लगाई, लेकिन उसने नहीं बनाया।
रिश्वत के बिना जाति प्रमाण पत्र नही बनने से नाराज मजदूर पिता श्रीनिवास सोमवार रात लगभग 12:30 बजे घर के पास बने 180 फीट उंचे मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया और खुद ही रात एक बजे पुलिस को सूचना दी। सूचना पर एसएचओ योगेंद्र पाल सिंह मौके पर पहुंच गए। गांववालों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने श्रीनिवास को समझाया, लेकिन श्रीनिवास बिना जाति प्रमाणपत्र के नीचे उतरने को तैयार नहीं हुआ तो एसएचओ ने खेरागढ़ तहसीलदार प्रदीप कुमार को मामले की जानकारी दी।
मंगलवार सुबह छह बजे तहसीलदार मौके पर पहुंचे और श्रीनिवास को नीचे उतरने के लिए समझाया, लेकिन बिना जाति प्रमाणपत्र उसने उतरने से साफ इनकार कर दिया। इस पर तहसीलदार प्रदीप कुमार ने मौके पर ही लवेश का जाति प्रमाणपत्र बनाकर दिया। जिसके पश्चात श्रीनिवास टावर से नीचे उतरा। जो जाति प्रमाणपत्र दो माह में नहीं बन सका वह पिता के मोबाइल टॉवर पर चढ़ने से बिना रिश्वत के मात्र दो घंटे में बन गया। इस बात की पूरे क्षेत्र में चर्चा है।