Israel-Hamas War: इज़रायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच जंग में इजराइल ने मंगलवार को हैवानियत की मिशाल पेश की जिससे लाखों आँखे नम हो गई। इजराइल ने सारी हदे पार करते हुए हमास के एक अस्पताल पर बम गिरा दिया। 17 अक्टूबर की रात ग़ाज़ा के अल-अहली अस्पताल पर इजराइल ने रॉकेट से हमला किया. इस हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हो गई. दर्दनाक बात यह है कि मरने वालों में सैकड़ों छोटे-छोटे बच्चे और महिलाए शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इलाज के अलावा इस अस्पताल में राहत शिविर कैंप भी लगाया गया था‚ हजारो लोगों ने यहां शरण ली हुई थी। बड़ी संख्या में यहां छोटे बच्चे और महिलाए भी थी। लेकिन किसी को नही पता था कि इजराइल हमास से ज्यादा हैवान बनकर उनके ऊपर बम गिरा देगा। हमले से कुछ समय पहले अस्पताल परिसर का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें कई दर्जन छोटे-छोटे बच्चे खलते हुए नजर आ रहे हैं।
इन मासूमो काे क्या पता था कि यह उनका आखिरी खेल होगा। वहीं हमले के बाद एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें कुछ डॉक्टर प्रेस वार्ता करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन जैसे ही कैमरा जुम आउट होता है वैसे ही दिखाई देता है कि डॉक्टर छोटे-छोटे बच्चों की लाशों के बीच खडे होकर इजराइली हैवानियत बयां कर रहे हैं। यह तस्वीरे आपको विचलित कर सकती हैं।
इस खबर के बाद पूरी दुनिया में इजराइल के प्रति रोष गहरा गया है। मानवता को मानने वाले देश इस हमले के लिए इजराइल की कड़ी निंदा कर रहे हैं। अमेरिका ने भी हमले पर दुख जताया है। उधर, इज़रायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इस हमले का ज़िम्मेदार ‘इस्लामिक जिहाद’ है. उनके मुताबिक़, हमास का ही एक रॉकेट मिस-फ़ायर होकर हॉस्पिटल पर गिरा है.
इस भयानक घटना के लिए इज़रायल और हमास एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, मगर इतनी बड़ी संख्या में आम लोगों की हत्या की वजह से देश-दुनिया में ‘युद्ध-अपराध’ और ‘युद्ध के नियम-क़ानून’ पर चर्चा हरी हो गई है. कहा जा रहा है कि जंग में सब कुछ जायज़ नहीं है. बंधक बनाए गए लोगों और आम जनता के भी कुछ अधिकार होते हैं. इस सिलसिले में ‘जेनेवा संधी’ की बात उठाई जा रही है।