BBC raid: इंदिरा गांधी ने भी 1970 में लगवा दिया था BBC पर ताला‚ जानिए क्या था पूरा मामला

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इंदिरा गांधी
BBC ऑफिस दिल्ली

IT Raid BBC: आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर पर छापा मारा. यह छापेमारी अंतरराष्ट्रीय कर चोरी के आरोप में की गई। आईटी टीम ने कर्मचारियों के मोबाइल-लैपटॉप जब्त किए हैं। बीबीसी मुख्यालय ने जांच में सहयोग का हवाला दिया है. दिन भर चली जांच के बाद कुछ कर्मचारियों और पत्रकारों को दफ्तर से जाने दिया गया।

इंदिरा गांधी

हालांकि छापेमारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस ने इसे इमरजेंसी कहा है। वहीं बीजेपी ने बीबीसी को दुनिया का सबसे भ्रष्ट और बकवास निगम करार दिया है. यहां आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा BBC पर पहली बार कार्रवाई नही हुई है। मोदी सरकार से पहले इंदिरा गांधी ने भी बीबीसी पर कार्रवाई की थी।

यह बात 70 के दशक की है‚ तब बीबीसी पर भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री दिखाने का आरोप लगा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर बीबीसी के दफ्तर पर ताला लगा दिया था, जिसे 2 साल बाद खोला गया.

क्या है BBC का इतिहास

आइए जानते हैं बीबीसी की स्थापना कब हुई थी? इसका मालिक कौन है?

BBC को 1922 में एक निजी कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। बीबीसी की स्थापना 18 अक्टूबर 1922 को हुई थी। तब यह एक निजी कंपनी थी। 1926 में इसे यूनाइटेड किंगडम द्वारा आधिकारिक बना दिया गया था। तब से यह बीबीसी रॉयल चार्टर के तहत संचालित होता है। इसे दुनिया के सबसे पुराने और स्वतंत्र मीडिया हाउस के तौर पर जाना जाता है।

वर्तमान में इसके 35,000 कर्मचारी हैं और यह 40 भाषाओं में समाचार प्रसारित करता है। बीबीसी ब्रिटेन की संसद के प्रति जवाबदेह है। इसके ट्रस्ट सदस्यों की नियुक्ति ब्रिटिश क्राउन द्वारा की जाती है।

भारत में प्रसारण की शुरुआत 1940 में हुई
बीबीसी ने भारत में अपना पहला प्रसारण 11 मई 1940 को किया था। यही वह दिन था जब विंस्टन चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। विंस्टन चर्चिल वही शख्स हैं जिन्हें 1943 में बंगाल में भुखमरी से हुई 30 लाख से ज्यादा मौतों का जिम्मेदार माना जाता है। उन पर भारत के साथ भेदभाव करने का आरोप है।

1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बीबीसी टेलीविजन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। तीन साल बाद 1946 में इसे फिर से बहाल किया गया। 1967 में बीबीसी ने यूरोप का पहला रंगीन टेलीविजन प्रसारण शुरू किया।

वित्त पोषण संसद अनुदान के माध्यम से किया जाता है
बीबीसी की अधिकांश आय टेलीविजन शुल्क से आती है। यह बीबीसी यूके पार्लियामेंट ग्रांट के माध्यम से भी वित्त पोषित है।

बीबीसी पर छापा क्यों?
बीबीसी पर मूल्य निर्धारण नियमों के तहत गैर-अनुपालन हस्तांतरण मूल्य निर्धारण मानदंडों का जानबूझकर और लगातार उल्लंघन करने का आरोप है। लाभ की एक महत्वपूर्ण राशि को जान-बूझकर डायवर्ट किया।

IT अधिनियम 1961, IT विभाग को छिपी हुई जानकारी एकत्र करने के लिए छापेमारी करने का अधिकार देता है। इस अधिनियम के तहत, विभाग आधिकारिक खातों, नकदी, स्टॉक या अन्य कीमती सामान की तलाशी ले सकता है और किसी भी परिसर में छापा मार सकता है।

क्या है पीएम मोदी से जुड़ा विवाद?
बीबीसी ने गुजरात दंगों पर इंडिया: द मोदी क्वेश्चन शीर्षक से दो भागों में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई। पहला एपिसोड 17 जनवरी को और दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज हुआ था। लेकिन केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को इस पर रोक लगा दी। इसके बाद यूट्यूब समेत सभी प्लेटफॉर्म से वीडियो हटा दिए गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 20 फरवरी को बताया कि यह बीबीसी का प्रोपेगंडा है.

इंदिरा गांधी ने इस पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
बात 1970 की है। तब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले ने 2 वृत्तचित्र कलकत्ता और फैंटम इंडिया जारी किए। बीबीसी पर आरोप था कि डॉक्युमेंट्री के जरिए दुनिया में भारत की छवि को नकारात्मक रूप से दिखाया गया। इंदिरा गांधी ने भारत में बीबीसी के दफ्तर पर ताला लगवा दिया था. 1972 में इसकी सेवाएं फिर से बहाल की गईं।

अब जानिए आईटी छापेमारी पर बीजेपी और विपक्ष ने क्या कहा?
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीबीसी का प्रोपेगैंडा और कांग्रेस का एजेंडा साथ-साथ काम कर रहा है. बीबीसी का इतिहास भारत को कलंकित करने वाला रहा है। इंदिरा गांधी ने बीबीसी पर बैन लगा दिया था. बीबीसी ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान कश्मीर में आतंकवादी को एक करिश्माई युवा आतंकवादी बताया था।

वहीं, कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पहले आई, उसे बैन कर दिया गया। अब बीबीसी पर आईटी का छापा पड़ रहा है. अघोषित आपातकाल

दिग्विजय सिंह बोले- बीबीसी की क्या गलती थी?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि दुनिया में पहली बार बीबीसी के 100 साल के इतिहास में इस तरह की छापेमारी हुई है. क्या गलती थी उनकी, उन्होंने गुजरात दंगों की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें सबका पक्ष रखा गया था.

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