उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में जल्द यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होगा। धामी सरकार विधानसभा सत्र में UCC विधेयक लाएगी। 2 फरवरी को कमेटी राज्य सरकार को ड्राफ्ट सौंपेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी का इस मुद्दे पर बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड को हिंदी में समान नागरिक संहिता कहते हैं। इसका मतलब होता है एक देश और एक कानून। जिन भी देशों में समान नागरिक संहिता लागू होती है, वहां विवाह, बच्चा गोद लेना, तलाक, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, वो सभी धर्म के नागरिकों पर समान रूप लागू होते हैं।
हालांकि भारत में अभी ऐसा नहीं है। यहां कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय होते हैं। ऐसे में समान नागरिक संहिता लागू होने पर सभी धर्मों को वह कानून मानना पड़ेगा, जो संसद में बनेगा।
भारत में इसे लागू करने में क्या समस्या आई?
संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात है। फिर भी भारत में ये लागू नहीं हो सका। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। हर धर्म के रीति-रिवाज अलग हैं। यहां बता दें कि समान नागरिक कानून का जिक्र पहली बार 1835 में हुआ था।
वो ब्रिटिश काल था और ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू होना चाहिए। मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, जैन आदि तमाम धर्म के लोगों के अपने अलग कानून भी हैं। अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा, तो फिर सभी एक कानून के दायरे में आ जाएंगे।