एम्स ऋषिकेश: उत्तराखंड में दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को बीमार पड़ने पर काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। उन्हें कच्ची सड़कों से होते हुए पैदल ही सड़क तक पहुंचना पड़ता है, फिर इलाज या दवा के लिए अस्पताल तक की दूरी तय करते हैं, लेकिन अब उन्हें खास तौर से दवाओं के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.
दरअसल, गुरुग्राम स्थित ड्रोन स्टार्ट-अप TechEagle ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश से टिहरी गढ़वाल के एक दूरस्थ जिला अस्पताल में ड्रोन के माध्यम से सफलतापूर्वक 3 किलो दवा पहुंचाई। ड्रोन को ऋषिकेश के एम्स से उड़ाया गया था। ड्रोन ने महज 30 मिनट में 40 किलोमीटर की दूरी तय की। बता दें कि अगर इस दूरी को सड़क मार्ग से तय करना होता है तो करीब 2 घंटे का समय लग जाता है।
@aiimsrishi की कार्यकारी निदेशिका प्रो. मीनू सिंह के सहयोग से आज एम्स ऋषिकेश से टिहरी बुराड़ी के लिए ड्रोन द्वारा दवाई भेजने का परीक्षण हुआ। जोकि उत्तराखंड के दूर दराज के क्षेत्र में रहने वाले रोगियों के लिए मददगार होगा। @MoHFW_INDIA @meenusingh4 pic.twitter.com/o91mNkYMJc
— AIIMS RISHIKESH (@aiimsrishi) February 16, 2023
एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक ने क्या कहा?
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज टेकईगल के सहयोग से एम्स ऋषिकेश से टिहरी बुराड़ी तक ड्रोन के जरिए दवा भेजने का ट्रायल किया गया, जो उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए मददगार साबित होगा.
वहीं, टेकईगल ने कहा कि ड्रोन के जरिए मरीज के परिजनों तक दवा पहुंचाई गई, जिसके बाद ड्रोन वापस एम्स लौट आया। TechEagle के सीईओ और फाउंडर विक्रम सिंह मीणा ने कहा कि सिर्फ दवा ही नहीं और भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हम सुलझाने के बारे में सोच रहे हैं.
विक्रम सिंह ने कहा- मरीजों को लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी
विक्रम सिंह मीणा ने कहा कि दवा की आपूर्ति उत्तराखंड के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए मददगार साबित होगी. हम एक ऐसी प्रणाली बनाना चाहते हैं जहां तपेदिक से पीड़ित रोगियों को दवाएं मिल सकें और उन्हें इलाज के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े।
वहीं, डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि ड्रोन उड़ाना ही उपलब्धि नहीं है, बल्कि सुरक्षा के साथ दूर-दराज के इलाकों में दवा पहुंचाना बड़ी उपलब्धि है।