संवाददाता: उदयवीर सिंह
उत्तर प्रदेश: फिरोजाबाद में एक 81 वर्षीय महिला को डॉक्टरों ने डेड बता दिया। वृद्धा के परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी कर दी और महिला के शव को श्मशान घाट पर ले जाया जा रहा था, तभी महिला ने आंख खोल दी। परिजन चौंक पड़े,फिर महिला को घर लाया गया। बताया गया की महिला ने घर पर आकर चाय भी पी। दूसरे दिन महिला की मौत हो गई। वृद्धा के जिंदा होने और दूसरे दिन मरने की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है।
दरअसल, पूरा मामला फिरोजाबाद के जसराना कस्बे के बिलासपुर का है। यहां की रहने वाली एक वृद्ध महिला (हरिभेजी 81 वर्ष) को बीमारी के चलते 23 दिसंबर को फिरोजाबाद के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को हरिभेजी के ब्रेन और दिल ने काम करना बंद कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने वृद्धा को क्लिनिकली डेड घोषित कर दिया।
महिला हरिभेजी के बेटे सुग्रीव सिंह अपनी मृत मां को अंतिम संस्कार के लिए जसराना ले जा रहे थे। इसी बीच सभी रिश्तेदारों को भी निधन की सूचना दे दी गई।
बताया गया की जसराना जाते व्क्त सिविल लाइन और मक्खनपुर के बीच अचानक हरिभेजी ने आंख खोल दी। परिजनों ने कहा कि उनको डॉक्टर ने गलत बताया कि महिला को मौत हो चुकी है। जबकि वृद्धा तो जिंदा है। महिला के जिंदा होने के बाद परिजन घर ले गए, जहां उनसे गौ-दान कराया गया। ग्रामीणों ने बताया कि वृद्धा हरिभेजी ने घर चाय भी पी उनकी हालत खराब ही थी।
बुधवार को हरिभेजी की मौत हो गई। जहां देर शाम को उनका अंतिम संस्कार करा दिया। मृत महिला हरिभेजी के बेटे सुग्रीव सिंह कहते हैं कि डॉक्टरों ने उन्हें मंगलवार को ही मृत घोषित कर दिया था, लेकिन उनकी मां का निधन अगले दिन हुआ। वहीं यह चर्चा का विषय बना हुआ है।