यूपी के सरकारी स्कूलो में डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में उतरे शिक्षक

आँखों देखी
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उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया है। सोमवार (8 जुलाई) से शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस लगाने का आदेश लागू किया गया। इसके विरोध में प्रदेश भर के शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है।

पहले ही दिन शिक्षकों ने स्कूलों में काली पट्टी बांधकर विरोध किया। बलरामपुर के कंपोजिट स्कूल में पानी भर गया है। यहां शिक्षकों ने पानी में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा- इस तरह का आदेश शिक्षा विभाग वापस ले।

उन्नाव में भी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।
उन्नाव में भी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।

वहीं महिला शिक्षकों ने भी मोर्चा खोलते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को पत्र लिखा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने डिजिटल अटेंडेंस को काला कानून बताया है।

लखनऊ में महिला शिक्षक संघ ने रविवार को डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ बैठक में मंच से संबोधन देती प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ।
लखनऊ में महिला शिक्षक संघ ने रविवार को डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ बैठक में मंच से संबोधन देती प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ।

महाभियान चलाने की तैयारी में शिक्षक संघ

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने 11-12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बैठक कर उनका मत जानने और उसके बाद आगे के आंदोलन की घोषणा करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस निर्णय के पूर्ण बहिष्कार को घोषणा की है। इस मामले में सोमवार को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।

महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को पत्र लिखकर ऑनलाइन अटेंडेंस लागू करने से पहले लंबे समय से लंबित शिक्षकों की मांगे पूरी करने की बात कही गई हैं। साथ ही केंद्रीय शिक्षकों की तर्ज पर सुविधाएं देने की मांग भी की गई हैं

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सभी ने एक स्वर से इस व्यवस्था का विरोध किया है। हम जिला स्तर पर प्रदर्शन कर सीएम को ज्ञापन भेजेंगे। साथ ही मांग करेंगे कि पहले शिक्षकों की EL, CL, हाफ डे जैसी मांग पूरी करने की बात कही है।

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