मनोज कुमार
मेरठ: एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता को लेकर अभियान चला रही है और गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए संकल्पबद्ध होने की बात कर रही है वही दूसरी और मेरठ के माछरा ब्लॉक के गांव जड़ौदा में गरीबी के कारण एक पूरा परिवार कूड़े के ढेर के बीच पिन्नी डालकर जीवन यापन करने को मजबूर है। उसकी यह मजबूरी किसी भी सरकारी अफसर या जनप्रतिनिधियों को नहीं दिख रही है।
दरअसल आपको बता दें कि माछरा ब्लॉक के गांव जड़ौदा निवासी रियासत अली पुत्र अब्दुल हमीद,(50) का गांव में कोई पुस्तैनी मकान नही होने के कारण किराए के मकान में रहता था। रियासत अली ने बताया कि वह गांव में ही नाई का कार्य कर जैसे तैसे अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहा था। लेकिन रोजाना मात्र 100-150 रूपये की कमाई होने के कारण वह किराया देने से भी मजबूर होने लगा। जिस कारण मकान मालिकों ने उसको कमरा देना बंद कर दिया।
रियासत ने बताया कि उसने गांव के बाहर एक जगह पर पिन्नी की झोंपड़ी बनाकर अपने परिवार को बारिश और धूंप से बचाने की कोशिश की। लेकिन उसकी झोपड़ी के दोनो तरफ ग्रामीणों ने कूड़ा डालना प्रारंभ कर दिया जो अब एक बड़े कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया। मसलन अब उसकी झोपड़ी के पास बड़े बड़े कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।
रियासत ने बताया कि वह सभी पूर्व व वर्तमान प्रधानों से आवासीय योजना का लाभ दिलाने की मांग कर चुका है। लेकिन उसे आज तक आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला है। वही पीड़ित रियासत अली मुफलिसी के चलते भीषण सर्दी में पिन्नी में रात काटने को मजबूर है। इस बारे में जड़ौदा ग्राम प्रधान से जानकारी के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।