उत्तर प्रदेश के चर्चित IAS अभिषेक सिंह इस्तीफे के बाद फिर नौकरी में वापसी चाहते हैं। केंद्र सरकार के डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) ने राज्य सरकार से मंजूरी मांगी थी। नियुक्ति विभाग के सूत्र बताते हैं कि वापसी के प्रार्थना पत्र के संबंध में मांगी गई आख्या व सहमति को यूपी सरकार की तरफ से नामंजूर कर दिया गया है।
नियुक्ति विभाग के जानकार कहते हैं कि इसके बावजूद भी केंद्र सरकार चाहे तो उनकी बहाली करा सकती है। अभिषेक सिंह मामले में अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है।
2023 में दिया था इस्तीफा
IAS अभिषेक सिंह ने 2011 में नौकरी की शुरुआत की थी। साल 2013 में उन्हें झांसी में बतौर जॉइंट मजिस्ट्रेट तैनाती मिली। अभिषेक सिंह यूपी के साथ दिल्ली में भी प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहे। साल 2022 में उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक बनाकर भेजा गया था।
जहां एक फोटो वायरल होने पर चुनाव आयोग ने उन्हें प्रेक्षक की ड्यूटी से हटा दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की गई थी। सस्पेंशन के बाद अक्टूबर 2023 में अभिषेक ने इस्तीफा दे दिया, जिसे मार्च 2024 में मंजूर कर लिया गया था।
जौनपुर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे अभिषेक सिंह
इस्तीफे के बाद अभिषेक सिंह जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। भाजपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया। अब अभिषेक सिंह ने एक बार फिर नौकरी में आने का मन बना लिया है।
3 साल तक दिल्ली में प्रतिनियुक्ति
IAS अभिषेक सिंह को 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी। इसके बाद 2018 में प्रतिनियुक्ति की समय सीमा को 2 बार बढ़ाया गया। इसके बाद 30 जून 2022 को यूपी कैडर भेज दिया गया।
उन्होंने यूपी में लंबे समय तक जॉइनिंग नहीं की और छुट्टी पर रहे। इस पर नियुक्ति विभाग ने अभिषेक सिंह से लिखित में जवाब मांगा। मगर लंबे समय तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बाद में उन्होंने इस्तीफा दिया। जिसे मंजूर कर लिया गया था।