प्रयागराज। पुरानी पेंशन बहाली‚ ऊर्जा निगमों के समस्त कर्मियों को नियमित करने सहित अन्य 15 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश में चार दिन से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल पांचवे दिन खत्म हो गई, जिसके बाद प्रदेश में बिजली आपूर्ति फिर से बहाल कर दी गई है। बिजली कर्मचारियों के संगठन के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत के बात हड़ताल की समाप्ति पर सहमति जताई गई है। इस बात की जानकारी अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को दी है। उन्होंने यह भी बताया कि हड़ताल की समाप्ति के साथ ही बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।
दरअसल, प्रयागराज के कालिंदीपुरम व आसपास बिजली पानी आपूर्ति तीन दिन से ठप होने की शिकायत पर कायम जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुबह अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया था कि प्रयागराज में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। इस पर वकीलों ने बताया कि न केवल प्रयागराज वरन पूरे प्रदेश में हड़ताल से बिजली आपूर्ति बाधित है।
इस पर अपर महाधिवक्ता ने अपर मुख्य सचिव पावर व कर्मचारियों के बीच हुआ पत्राचार पेश किया। खंडपीठ ने कहा एक महीने पहले 29 नवंबर से हड़ताल की चेतावनी दी गई थी। शासन के पास हल निकालने के लिए एक महीने का समय था।
हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जब कोर्ट ने संज्ञान लिया तो प्रयागराज में विद्युत आपूर्ति बहाल हुई। यह नहीं पता हड़ताल वापस हुई अथवा नहीं। इसके बाद कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) को तीन बजे तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। इस पर उन्होंने हाजिर होकर कोर्ट को हड़ताल वापस होने की जानकारी दी।
हाइकोर्ट ने पूछा था प्रश्न
वकीलों की शिकायत पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर पूछा था कि हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही? बिजली सप्लाई तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया था।
सकारात्मक रही बातचीत, अगली सुनवाई 6 दिसंबर को
कोर्ट को बताया गया कि ऊर्जा मंत्री ने आज हड़ताली कर्मचारियों के संगठन से बातचीत की। बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों से बातचीत सकारात्मक रही। इसमें बिजली कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार छह दिसंबर को होगी।