कानपुर हादसे के बाद सीएम योगी का निर्देश: ट्रैक्टर ट्रॉली केवल कृषि कार्य के लिए, इसमें सवारियां न ढोए

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उत्तर प्रदेश: कानपुर में साढ़-भीतरगांव मार्ग पर शनिवार शाम भीषण सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद ट्वीट कर अपील की है कि ट्रैक्टर ट्रॉली का इस्तेमाल सवारियों की ढुलाई के लिए नहीं किया जाए। ट्रॉली से केवल कृषि कार्य और माल ढुलाई का कार्य ही करें। उधर एक ही गांव के 26 लोगों की मौत के बाद पूरा गांव ही नहीं क्षेत्र भी चीत्कार उठा है। मृतकों के रिश्तेदार भी सांत्वना देने में लगे हुए हैं। लेकिन गांव वालो की हिचकियां बंद नहीं हो रही हैं।

दरअसल, आपको बता दें कि कानपुर जिले के भीतरगांव के कोरथा गांव निवासी राजू  के बेटे का शनिवार को मुंडन संस्कार था। बच्चे के मुंडन में शामिल होने के लिए करीब 45-50 लोग ट्रैक्टर ट्रॉली से उन्नाव जिले के चंद्रिका देवी मंदिर से लौट रहे थे। साढ़-भीतरगांव मार्ग पर सवारियों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पानी से भरी खंती में पलट गई।ट्रॉली में सवार महिलाएं, बच्चे और किशोरियां नीचे दब गईं। पुलिस व प्रशासन की करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाल सकी। हादसे में 8 बच्चे, 5 किशोरियां, और 13 महिलाओ सहित 26 लोगों की जान चली गई।


 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की खुद मोनेट्रिंग करते हुए डीएम – एसएसपी को तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताते हुए मुआवजे का ऐलान किया है। जिसके बाद सीएम योगी ने लोगों से अपील करते हुए एक ट्वीट किया है उन्होंने लिखा “प्रिय प्रदेशवासियों, मेरी अपील है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई के लिए ही करें। इससे सवारियों की ढुलाई कदापि न करें। जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें।”

पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव कोरथा गांव पहुंचे कोहराम मच गया। आंसुओं के सैलाब के बीच सुबह से अर्थियों को तैयार करने का सिलसिला जारी है। सभी मृतक एक ही गांव का होने की वजह से पूरे गांव से चीत्कार उठती रहीं। बच्चों की लाशें देखकर दहशत मच गई। बिलखते लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे कि मासूम भी इस हादसे का शिकार हो गए। शवों को छाती से लगाकर रोते रहे। दुख का ऐसा पहाड़ टूटा कि उसकी भरपाई किसी के वश में नहीं थी। लोग सांत्वना तक नहीं दे पा रहे हैं। हर घर में मातम पसरा है। घरों मे दीया जला न चूल्हा। गलियों में सन्नाटा है।

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