Atiq Ahmed Murder Case latest update: अतीक-अशरफ की मौत के बाद इन लोगों को हुआ करोड़ों का फायदा

आँखों देखी
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अतीक-अशरफ का फाइल फोटो
अतीक-अशरफ का फाइल फोटो

Atiq Ahmed Murder: विधानसभा के पूर्व सदस्य व माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या मामले में पुलिस तीनों हत्यारों की जांच कर रही है. अभी तक की शुरुआती जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारे कॉन्ट्रैक्ट किलर थे। जिसके बाद पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का आदेश किसने दिया था.

अतीक अशरफ की हत्या से जिस किसी को भी फायदा हो सकता है, पुलिस उसे निशाना बना रही है। दरअसल, अतीक की हत्या की वजह को लेकर तरह-तरह की थ्योरी सामने आ रही हैं. एक थ्योरी जिस पर खास ध्यान दिया जा रहा है वह यह है कि अतीक और अशरफ का काला साम्राज्य उनकी हत्या का कारण है।

गैंगस्टरों से टैक्स वसूलता था अतीक

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अतीक चुनाव लड़ने के लिए बिल्डरों और बड़े कारोबारियों से चुनावी टैक्स वसूलता था. इसके लिए दो तरह की पर्चियों का इस्तेमाल किया जाता था। एक पर्ची गुलाबी और दूसरी सफेद थी। गुलाबी पर्ची का रेट 3 लाख से 5 लाख के बीच जबकि सफेद पर्ची का रेट 5 लाख से ऊपर था। व्यापारियों और बिल्डरों से कैश लेने के बजाय सीधे खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए। यह पैसा अतीक के खाते में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ट्रांसफर किया गया था, जिसे अब ईडी ने सील कर दिया है। इसके अलावा अतीक गंडा टैक्स भी वसूल करता था।

अतीक की इस कारोबारी से थी दुश्मनी 

सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद जिन कारोबारियों से गंडा टैक्स वसूलता था, वे अतीक से नफरत करते थे. लेकिन माफिया के डर से कोई उसे पैसा देने से मना भी नहीं कर सकता था। अतीक का एक दुश्मन अब सुर्खियों में है। मध्य प्रदेश का एक मशहूर हीरा व्यापारी… सूत्रों का दावा है कि अतीक की मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के एक हीरा व्यापारी से दुश्मनी थी. इस प्रतिद्वंद्विता से पहले दोनों दोस्त थे। अतीक ने इस हीरा व्यापारी के यहां करोड़ों रुपये की अपनी काली कमाई लगाई थी, लेकिन दोनों के बीच खातों को लेकर विवाद हो गया और तभी से दोनों दुश्मन हो गए।

वायरल पर्ची

अतीक की हत्या के बाद यह कारोबारी भी पुलिस के निशाने पर आ गया है. इसके अलावा पुलिस उन बिल्डरों और बड़े कारोबारियों को भी अपने रडार पर रख रही है, जिनसे अतीक ने इलेक्शन टैक्स या गैंग टैक्स या दोनों वसूल किए थे, जिन्हें करोड़ों की मौत का फायदा हो सकता था.

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