कैराना: कैराना की इमाम बारगाह कलाँ व खुर्द में 5 रोज़ा मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें मोलाना रईसुलहसन मोलाना, खुर्शीद आलम, मौलाना सज्जाद रब्बानी , मौलाना नज़र मोहम्मद व मौलाना नज़क आबदी ने खिताब किया तथा मजलिस का सफ़ल संचालन मास्टर वसी हैदर साकी ने किया।
मजलिस में पूर्व गौलाना कमाल हसन ने तिलावत की। वहीं मोलाना नजफ़ ने कहा कि हुज़ूर ए अकरम हज़रत मोहम्मद फ़रमाया था कि बेटियां मां बाप के लिए जिगर का टुकड़ा होती हैं बेटी एक जिगर का टुकड़ा है, वह फ़ातमा ज़ेहरा की ताज़ीम भी करते थे, मौलाना आबदी ने कहा कि चौदह सौ साल पहले बेटियां अरब में जहालत का दौर था और वहां बेटियों को ज़िंदा दफ़न कर दिया था फिर जब नबी-ए-करीम दुनिया में तशरीफ़ लाए तब जाकर लोगों ने अपनी बेटियों को इज़्ज़त की नज़र से देखा और उनकी इज़्ज़त करने लगे।
बाद में बीबी फ़ातमा ज़ेहरा के मसआयब बयान किए गए। तथा शबबीय ताबूत बरामद किया गया जिसकी दूर दराज से आए लोगों ने ज़ियारत की। रात्रि में शब्बेदारी तथा मातमदारी की। जिसमें कैराना की अंजुमन फ़ैजे ए क़ायम के अलावा कस्बा जानसठ व कस्बा नानोता की अंजुमनों ने भी भाग लिया। मजलिस में अल्हाज कौसर ज़ैदी कैरानवी,अली हैदर, कुर्रत मैंदी, गुलज़ार अली, मौहम्मद आग़ा, ने नौहाखवनी की वहीं सालिम सिरसवी ने अपना मंज़ूम कलाम पेश किया।
हुसैन हैदर यावर अली, माहिर हुसैन ने सोज़खवानी की,अंत में मौलाना रईसुउल हसन ने देश में अमन शांति अमनोअमान क़ायम रहे दुआ कराई। मजलिस रात्रि एक बजे तक चली।