झिंझाना: कैराना । मोहर्रम का चांद नजर आते ही शिया युवाओं ने सोग का अलम कर्बला में लगा दिया है। मोहर्रम का चांद रविवार की शाम दिखाई देते ही शिया युवाओं ने सोग का अलम कर्बला में लगाने के बाद देर शाम इमाम बारगाह में पहली मजलिस का आगाज किया। जिसमे कर्बला के शहीदो की याद में मर्सिया खानी, शहादत का बयान किया गया।
रविवार की देर शाम चांद दिखाई देने के बाद अंजुमन के अध्यक्ष पूर्व प्रधान फजल अली उर्फ अच्छू मियां ने बताया कि नवासे रसूल हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत को याद कर दो महीने आठ दिन तक शिया मुसलमान गमगीन रहेंगे। बिडौली सादात में रविवार को मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है। जिसमे मौलाना सैय्यद महराज मेहदी इलाहाबाद और भनेड़ा सादात से मौलाना सय्यद जलाल हैदर रिजवी ने बयान किया कि तारीख ए इस्लाम में मकसदे शहादत इमाम हुसैन रसूल की सुन्नत पर अपने दरस कॉम को देगे चांद नजर आते ही रविवार से इस्लामी कैलेंडर शुरुआत हो गया। इसके साथ सिया मुस्लिम समुदाय के लोगो ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और करबला के बहत्तर सहीदो की याद में अलम और तजिए सजाने शुरू कर दिए। इसी के चलते पांच मोहर्रम को कर्बला से मिट्टी लाई जायगी। जिसको याद कर पांच मोहर्रम को एक मातमी जलूस निकाला जायेगा। जिस में दूध की सबील प्रसाद वितरित किया जायेगा। जलूस गलियों से गुजरता हुआ लोगो घर से होकर कोठी पर समाप्त होगा।
इस मौके पर मेहताब मेहदी, अली जहीर, नियाज हैदर, कमर अब्बास, वसी हैदर, सज्जाद मेहदी, खुर्रम, कासिम शाह, रेहान हैदर, रुहिल, रजब अली, नासिर अली, मिन्हाल मेहदी, हाशिम शाह, आफताब मेहदी, मेहदी, अली हैदर, आदि का सहयोग रहा