उत्तर प्रदेश: शाहजहांपुर में अंधविश्वास का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिले के तिलहर थाना क्षेत्र के बहादुरगंज में रहने वाली संतो पत्नी बनारसी के घर का दरवाजा पिछले तीन दिन से नहीं खुला था। कोई आहट न मिलने पर मंगलवार को पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मी जब ताला तोड़कर कमरे में दाखिल हुए तो दंग रह गए। कमरे में शीतल और उसकी मां संतो पूजा-पाठ करतीं मिलीं, जबकि पांच बच्चों समेत सात अन्य लोग अर्द्ध बेहोशी की हालत में मिले। पुलिस ने सभी को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है।
दरअसल संतो की बेटी शीतल के पति विशाल की चार साल पहले फंदे से लटकने से मौत हो गई थी। शीतल का मानना है कि उसके पति की आत्मा उसके पास आती थी। पुलिस के अनुसार नवरात्रि का व्रत रखने के बाद शीतल ने रामनवमी पर हवन, पूजन के लिए घर के अंदर चौकी स्थापित की थी। शीतल के पिता बनारसी चूरन बेचने का काम करते हैं। वह चार दिन से बाहर गए हुए थे। घर में पत्नी संतो, बेटी प्रीति, शीतल, अंजलि (18), सुजाता (15), कामनी (14) बेटा संजय (12), आकाश (8) और प्रकाश (7) थे। उनका मकान का कमरा पिछले तीन दिन से बंद था।
घर से किसी तरह की आवाज नही आने पर मोहल्ले वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस ने मकान के अंदर प्रवेश किया तो संतो और शीतल लेटी हुईं जय मां दुर्गा, जय बालाजी कह रहीं थीं। वहीं बच्चे भी बेहोशी की अवस्था में थे। पुलिस ने तुरंत ही उन सभी को एंबुलेंस से पहले सीएचसी फिर राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने बताया कि सभी ने पिछले दो-तीन दिन से कुछ खाया-पिया नहीं है। उनके शरीर पर मारपीट के भी निशान हैं। सभी का इलाज किया जा रहा है। एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।