उत्तर प्रदेश: मथुरा वृंदावन के विख्यात श्रीबांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन को लेकर दो अधिवक्ताओं ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कोमल शुक्ला की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर दर्शन का समय बढ़ाने वाले आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। वादी अधिवक्ताओं ने अदालत से अपील की है कि बाल स्वरूप ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी 11 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे तो वह थक जाएंगे। उनके आराम करने की प्रक्रिया में बाधा पड़ जाएगी। इस कारण बढ़े समय के आदेश पर रोक लगाई जाए।
आपको बता दें कि वृंदावन स्थित ठाकुरजी मंदिर के पट 8 घंटे 15 मिनट खुलते थे। भक्तो के दर्शन का समय सुबह 8.45 से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 4.30 से रात 8.30 तक था। लेकिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव के कारण दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी। भीड़ बढ़ने के चलते रिसीवर एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय ने श्री बांकेबिहारी के दर्शन की समय सीमा बढ़ाकर 11 घंटे कर दिया।
नए आदेश के अनुसार शरद ऋतु में सुबह 7.30 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 से 9.30 तक मंदिर में पट खुलेंगे और भक्त भगवान के दर्शन करेंगे। वहीं ग्रीष्मकाल के लिए भी नया समय बनाया गया। जिसमे सुबह 7 से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 5 से रात 10.30 तक किया गया है। नई समय सारणी लागू होने के पश्चात अधिवक्ताओं ने अदालत में दिए अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि चूंकि भगवान श्रीकृष्ण मथुरा में केवल 14 वर्ष तक ही रहे थे। इस कारण ब्रज में उनके बाल स्वरूप सेवा का भाव है।
कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि उसके बालक की दिनचर्या पर ऐसा असर पड़े कि वह आराम भी न कर पाए। अधिवक्ताओं ने मार्मिक वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत के समय परिवर्तन के आदेश से उनके ठाकुर की सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। भक्तगण यह सहन नहीं कर सकेंगे। अधिवक्ता गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि अदालत द्वारा बहस सुनने के बाद प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए फाइल को रख लिया है।