मेरठ. परतापुर इंटरचेंज पर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। पैदल सड़क पार कर रहे एक युवक को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया। दुखद बात यह है कि हादसे के बाद गाड़ियों का काफिला उसके ऊपर से गुजरता रहा. लेकिन किसी ने पुलिस को सूचना तक नही दी। शव की हालत ऐसी थी कि केवल गर्दन ही बची थी बाकी का पूरा शरीर सड़क पर चिपका हुआ था। शव देखकर हर किसी की रूह कांप उठी।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद शव उठाने वालों की तलाश शुरू हुई। पुलिस ने जगह सुरक्षित कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। कुछ ग्रामीणों को बुलाया गया और फावड़े से शव को एकत्र किया गया। इसे प्लास्टिक बैग में पैक कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। गर्दन से ऊपर तक के अवशेषों की पहचान करने की कोशिश की गई.
इतना ही नहीं, पुलिस उस वाहन का भी पता नहीं लगा पाई है, जिससे हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि मृतक की पैरवी करने वाला कोई नहीं था. उसकी उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच मानी जा रही है। पुलिस ने अज्ञात में शव का पोस्टमार्टम कराया है। इस मामले में मेरठ पुलिस ने भी शर्मनाक हरकत की है।
पुलिस ने हादसे को अपनी जीडी में दर्ज कर लिया और मामले को भूल गई। दुर्घटना का कारण बनने वाले वाहन के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. शव के पास एक मोबाइल फोन भी मिला, जो वाहन के पहिए के नीचे आकर पूरी तरह नष्ट हो गया।
मोबाइल के अंदर से सिम निकाल लिया गया। वह सिम दूसरे मोबाइल में डाला गया था। दो दिन तक उस पर कोई कॉल नहीं आई। उस सिम के जरिए मृतक की पहचान हो सकेगी. सिम पर एक नंबर होता है, जिससे उसकी आईडी निकाली जा सकती है. लेकिन परतापुर पुलिस ने पहचान कराने का कोई प्रयास नहीं किया।
इंस्पेक्टर जयकरन का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को पहचान के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया है। पुलिस पहचान करने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि पुलिस की ऐसी हरकत पूरे विभाग को शर्मसार करने के लिए काफी है.