BJP को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका‚ तेलंगाना विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में CBI जांच पर लगाई रोक

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प्रतिनिधि छवि। साभार: पीटीआई
प्रतिनिधि छवि। साभार: पीटीआई

New delhi: विपक्षी दलों के खिलाफ मनमाने तरीके से जांच एजेंसियो का इस्तेमाल कर रही भारतीय जनता पार्टी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। तेलंगाना के विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है।  सुप्रीम कोर्ट ने अपने अपने मौखिक आदेश में कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच तब तक न करे जब तक इसमें वो कोई फैसला न सुना दे। तेलंगाना पुलिस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम संदरेश की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई इस मामले से दूर रहे। ये हमारा आदेश है। अभी हम ये बात मौखिक तौर पर कह रहे हैं। लेकिन अगर बात नहीं मानी गई तो हमें अंतरिम आदेश जारी करना पड़ेगा। बेंच का कहना था कि जब तक ये मामला विचाराधीन है सीबीआई मामले की जांच से बिलकुल दूर रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले बेहद संगीन है लिहाजा 31 जुलाई से नान मिसलेनियस डे पर की जाए।

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तेलंगाना पुलिस की तरफ से पेश हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि अभी तक मामले की जांच शुरू नहीं हो सकी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनकी चीफ सेक्रेट्री तेलंगाना से बात हुई है। उनका कहना था कि अभी खरीद फरोख्त का केस सीबीआई के हवाले नहीं किया गया है। बीजेपी की तरफ से पेश एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दवे की बात को मानते हुए कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने अभी जांच शुरू नहीं की है।

ध्यान रहे कि इस मामले की जांच के लिए तेलंगाना सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। लेकिन बीजेपी इसके खिलाफ तेलंगाना हाईकोर्ट चली गई। बीजेपी का कहना था कि एसआईटी तेलंगाना सरकार की अपनी एजेंसी है। वो निष्पक्ष जांच कैसे कर सकती है। हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को मुकर्रर कर दिया। तेलंगाना पुलिस ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि खरीद फरोख्त का आरोप बीजेपी के नेताओं पर है। सीबीआई केंद्र की एजेंसी है। वो कैसे निष्पक्ष जांच कर सकती है।

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इस मामले में बीजेपी के दिग्गज नेता बीएल संतोष को आरोपी बनाया गया है। 26 अक्टूबर को तेलंगाना के एक विधायक रोहिथ रेड्डी ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि उनको बीजेपी ज्वाइन करने के लिए 100 करोड़ रुपये का ऑफऱ दिया गया था। उनका कहना था कि केंद्र की तरफ से उनको कई ठेके देने की बात भी कही गई थी। उनसे कहा गया था कि वो बीआरएस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाए।

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