NDTV Takeover: नई दिल्ली टेलीविज़न लिमिटेड (NDTV) पर अडानी समूह (Adani Group) के अधिग्रहण के बाद अब तक एनडीटीवी के मालिक रहे डॉ. प्रणय रॉय (Prannoy Roy) और राधिका रॉय (Radhika Roy) ने बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के पद से इस्तीफा दे दिया है।
आपको बता दें कि आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPRH) कंपनी एनडीटीवी की प्रमोटर ग्रुप वेहिकल है। जानकारी देते हुए एनडीटीवी ने मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को लिखी गई चिट्ठी में बताया कि एनडीटीवी के प्रमोटर ग्रुप आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय) होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सूचित किया है कि आज 29 नवंबर को बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की बैठक में तय किया गया है कि सुदीप्ता भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण तत्काल प्रभाव से आरआरपीआरएच के बोर्ड में नए निदेशक होंगे और डॉ. प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआरएच के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा दे दिया है।
अडानी का कैसे हुआ NDTV ?
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2022 में अडानी ग्रुप ने विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) का अधिग्रहण किया था। एनडीटीवी के संस्थापक सदस्यों ने साल 2008-09 में आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणॉय रॉय) होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए वीसीपीएल से 403 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लिया था।
इस कर्ज के बदले वीसीपीएल को 29.18 प्रतिशत शेयर गिरवी रखे गए थे। साथ ही ये विकल्प भी दिया गया था कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में वीसीपीएल इन वाउचर्स का 99.5 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में बदल सकता है। आरआरपीआर यह कर्ज चुका पाने में असमर्थ रहा। इस साल अगस्त में अडानी ग्रुप ने वीसीपीएल के अधिग्रहण के साथ मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा खरीद लिया।
क्या होता है ओपन ऑफर ?
शेयर बाज़ार की नियामक संस्था सेबी के नियमों के मुताबिक देश में लिस्टेड किसी भी कंपनी जिसके पास 25 प्रतिशत या उससे ज्यादा शेयर हैं उसे इससे ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाना अनिवार्य होता है। जिससे कंपनी के माइनॉरिटी शेयर होल्डर पहले से तय कीमत पर अपने शेयर अपनी मर्जी से नए निवेशक को बेच सकें। अडानी समूह के पास एनडीटीवी के 29.18 प्रतिशत हिस्सा था और अन्य 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसने ऑपन ऑफर सामने रखा था। ओपन ऑफर की आखिरी तारीख 5 दिसंबर है।