कानून बना मजाक! हरियाणा की BJP सरकार ने राम-रहीम फिर दी पैरोल‚ सातवीं बार जेल से बाहर आया गुरमीत

आँखों देखी
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राम-रहीम और हनीप्रीत
राम-रहीम और हनीप्रीत

Ram Rahim: हरियाणा की भाजपा सरकार जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह पर मेहरबान है। राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिली है। इससे पहले उसे जनवरी में 30 दिन की पैरोल दी गई थी। वह हरियाणा के रोहतक की सुनरिया जेल से यूपी के बागपत रवाना हो गया। वह अगले 30 दिन शाह सतनाम आश्रम में रहेगा।

डेरा प्रमुख सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के आरोप में रोहतक की जेल में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तमाम अनुयायी हैं। वह अलग-अलग कारणों से पांच अलग-अलग मौकों पर पैरोल पर जेल से रिहा हो चुका है। इसके लिए उसने कई कारण भी कोर्ट में बताए। कभी बीमार मां से मिलने की बात तो कभी कुछ और कारण बताए।

अच्छा आचरण बनाया आधार

स्वयंभू बाबा ने अच्छे आचरण वाले कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 की धारा 3 के तहत पैरोल के लिए आवेदन किया था। 30 दिन की पैरोल देते हुए अधिकारियों ने गुरमीत राम रहीम सिंह पर कई शर्तें भी रखीं हैं। जिसमें पैरोल अवधि के दौरान कहीं जाना है तो डीएम की परमीशन लेनी होगी। उसे शांति बनाए रखने और अच्छा व्यवहार बनाए रखने और पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करने का आदेश दिया गया।

रिहाई वारंट में स्थानीय पुलिस स्टेशन को 30 दिन की पैरोल अवधि के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का भी निर्देश दिया गया।

अगस्त में 2017 में दोषी ठहरया गया राम रहीम

अगस्त 2017 में पंचकुला में एक विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया। 2019 में, एक पत्रकार की हत्या के मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह और तीन अन्य को दोषी ठहराया गया। अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में बीस साल की सजा हुई थी।

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