मंड्या: कर्नाटक के मांड्या जिले के हनुमान झंडा मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. इस मामले में हिंदू कार्यकर्ताओं और ग्रामीण युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. तहसीलदार की शिकायत पर केरेगोडु पुलिस स्टेशन में प्रताप, अविनाश और प्रकाश और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 301, 353, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
मांड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पिछले कई वर्षों से मंदिर के सामने 108 फीट ऊंचा स्तंभ है जिस पर हनुमान ध्वज लहराता है। पिछले रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाने पहुंचे थे. प्रशासन की इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और बड़ी संख्या में वहां पहुंचकर इसका विरोध किया. गुस्साई भीड़ को वहां से हटाने के लिए प्रशासन ने लोगों पर लाठीचार्ज किया और फिर हनुमान ध्वज को खंभे से हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया. बीजेपी और जेडीएस समेत हिंदू संगठनों के सदस्य भी मौके पर पहुंचे और प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया.
क्या कहता है प्रशासन?
इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जगह पर पिलर बना है वह सरकारी जमीन है. प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ वहां पिलर बनाने के लिए पंचायत को एनओसी दी थी। इन शर्तों में एक अहम शर्त ये थी कि यहां कोई भी धार्मिक या राजनीतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा. इस स्थान पर केवल तिरंगा या राज्य ध्वज ही फहराया जा सकता है।