उत्तराखंड में मतदान खत्म होते ही 7 फीसदी बढ़े बिजली के दाम‚ 4 जून के बाद कई और राज्यों में होगी बढ़ोतरी

आँखों देखी
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देहरादून।  मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा का एक वीडियो है जिसमें वो कहते हैं कि हर सरकार साढ़े चार साल जमकर लूट करती है और चुनाव के दौरान महज 6 माह के लिए छूट देती है। अवध ओझा की यह बात बिल्कुल स्टीक है‚ क्योंकि  उत्तराखंड में जैसे ही मतदान खत्म हुआ वैसे ही राज्य की बीजेपी सरकार ने बिजली के दामों में बड़ा इजाफा कर दिया है। यहां बिजली करीब सात फीसदी महंगी हो गई है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई दरें जारी कर दी हैं, जो एक अप्रैल से लागू होंगी। अगले महीने के बिल में उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का दाम चुकाना होगा। ऊर्जा निगमों ने 27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिसके सापेक्ष 6.92 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।

चार किलोवाट से ऊपर वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट, सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज की बढ़ोतरी की गई है। घरेलू श्रेणी के 100 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वालों की बिजली दरों में 25 पैसा प्रति यूनिट, 101 से 200 यूनिट वाले उपभोक्ताओं की बिजली दरें 30 पैसा प्रति यूनिट, 400 यूनिट से अधिक उपभोग करने वालों की बिजली दरों में 40 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई के उपभोक्ताओं की बिजली 75 पैसे प्रति यूनिट महंगी हुई है।

चुनाव के अन्य राज्यो में भी बढ़ेंगे दाम

आपको बता दें कि चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं‚ माना जा रहा है कि अगर केन्द्र में बीजेपी वापसी करती है तो अन्य राज्यो में भी बिजली के दाम बढ़ने तय हैं। बिजली ही नही लंबे समय से स्थिर चल रहे डीजल-पेट्रोल और गैस के दामों में बढ़ोतरी संभव है। जो आम आमदी की कमर तोड़कर रख देगी। सूत्रों से जानकारी मिली है कि सरकार ने दाम बढ़ाने का पूरा खाका तैयार कर लिया है‚ बस चुनाव खत्म होने का इंजतार है।

 

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