“पैसा हो पास और सत्ता का हो साथ” तो आसानी से कानून का मजाक बनाया जा सकता है। यह कुछ शब्द दुष्कर्म के दोषी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम-रहीम पर स्टीक बैठते हैं। वजह यह है कि गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की BJP सरकार ने एक बार फिर 40 दिनों की पैरोल पर रिहा कर दिया गया है।
शनिवार को भारी सुरक्षा के बीच गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से बागपत के डेरा सच्चा सौदा आश्रम भेज दिया गया है। उसके साथ उसकी कथित बेटी हनीप्रीत भी डेरा पहुंच गई है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि यहीं से ही राम-रहीम ऑनलाइन प्रवचन देगा और वोटरों को लुभाएगा। पैरोल की खबर सुनते ही राम रहीम के अंध भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है और वह बरनावा आश्रम की तरफ दौड़ लगाने लगे हैं।
25 नवंबर को ही खत्म हुई थी दूसरी पैराल की अवधि
आपको बता दें कि राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. राम रहीम 2017 में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से ही हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में भेजा गया था। तब से लेकर अब तक उसे हरियाणा की BJP सरकार तीन बार पैराेल पर रिहा कर चुकी है। सूत्रों से जानकारी मिली है BJP की खट्टर सरकार राजनीतिक फायदे के लिए गुरमीत को बार-बार पैरोल दे रही है।
हैरानी की बात यह है कि आम आदमी को जहां आरोपी होने पर ही केस में जमानत नही मिलती है‚ वहीं दोषी ठहराए जाने के बाद भी राम-रहीम को बार-बार पैरोल पर रिहा करके सरकार कानून का मजाक बना रही है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि नियमो के तहत ही राम-रहीम को जमानत दी गई है।
तीन महीने पहले भी मिली थी जमानत
ध्यान रहे कि महज 3 महीने पहले ही 14 अक्टूबर को राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दी गई थी‚ जो 25 नवंबर को खत्म हुई थी। दो महीने पूरे भी नही हुए कि एक बार फिर राम रहीम को हरियाणा की खट्टर सरकार ने पैरोल पर रिहा कर दिया है। राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम पहुंच गया है।
इस मामले में सजा काट करा है राम-रहीम
आपको बता दें कि अपनी 2 साधवियों के साथ बलात्कार के आरोप में राम- रहीम 20 साल की सजा काट रहा है। या यूं कहे कि सजा की ओपचारिकता पूरी कर रहा है। इस मामले में रोहतक के संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने फोन पर बताया कि पैरोल 40 दिन के लिए प्रदान की गई है जो नियमानुसार है। हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने डेरा प्रमुख की ताजा पैरोल याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डेरा प्रमुख ने 40 दिनों के पैरोल के लिए आवेदन दायर किया था जिसे रोहतक संभागीय आयुक्त को भेजा गया। बताया गया कि अपनी पैरोल अवधि के दौरान डेरा प्रमुख 25 जनवरी को पूर्व डेरा प्रमुख सा सतनाम की जयंती में शामिल होना चाहता है।
अगले साल होने हैं चुनाव
आपको बता दें कि हरियाणा में अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। राज्य की 90 सीटों पर 2024 में वोट डाले जाएंगे। बताया जाता है कि आज भी राम-रहीम राज्य में वोटरो के बीच भारी प्रभाव रखता है। उसके लाखों अनुयायी वहीं वोट डालते हैं जिस तरफ राम-रहीम इशारा करता है। ऐसे में माना जा रहा कि कहीं राज्य की बीजेपी सरकार 2024 में होने वाले चुनाव से पहले राम-रहीम के जरिए वोटरों को प्रभावित तो नही कर रही है। अगर ऐसा है तो यह बेहद चिंताजनक है। राजनीतिक फायदे के लिए इतने बड़े अपराधी को बार-बार रिहा करने से समाज में बेहद गलत संदेश जा रहा है।