मोरबा: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम 6.30 बजे 143 साल पुराना ब्रिटिशकालीन 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने में मृतकों की संख्या 134 पहुंच गई। इनमें 25 बच्चे हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी ज्यादा है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन की मानें तो मृतकों की संख्या 140 के पार पहुंच गई है। अभी भी 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है की मंगलवार को पीएम मोदी मोरवा पहुंच सकते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हादसे के बाद एक सम्मेलन में बोलने के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने कहा- मृतकों के परिजनो को प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। बचाव कार्य में NDRF, सेना और वायुसेना की टीमें लगी हुई हैं। वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात कर ब्रिज के टूटने के बाद एक समीक्षा बैठक करते हुए घटना की जांच के लिए एसआईटी की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। गुजरात सरकार ने मोरबी हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं कराए जाने का फैसला लिया है।
बताया जा रहा हैं की यह हैंगिंग पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी दो करोड़ में मरम्मत का कार्य पूर्ण कर 25 अक्टूबर को आम लोगों के लिए खोला गया था। ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है। इसके लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया हुआ है।