Hapur News: जनपद में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी करने के मामले आए दिन प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयो में शिकायत के रूप में पहुंच रहे हैं। प्रशासन मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर कार्यवाही करने को लेकर अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों को आदेशित भी कर रहे। लेकिन फिर भी निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
एक मामल नि:शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम (आर टीआई) के तहत चयनित होने के उपरांत एक छात्र को दाखिला देने से इंकार करने को लेकर जिले मे संचालित मदर्स प्राइड स्कूल का सुर्खियों मे चल रहा है।
आपको बता दें कि निजी स्कूलों मे गरीब छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए आर टी आई के तहत् आवेदन करायें गये थे। इसमें 1033 छात्रों के लाभार्थी में नाम आये थे।
लेकिन अभी तक शत प्रतिशत बच्चों को प्रवेश नहीं मिल सका है।आलम यह है कि कई स्कूल छात्रों को दाखिला देने से साफ इन्कार कर रहे हैं।जिसको लेकर हापुड़ के कोटला सादत निवासी सविता ने मदर्स प्राइड स्कूल के स्टाफ द्वारा नि: शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत उसके बच्चे को दाखिला देने से यह कह कर इंकार कर दिया कि उनके स्कूल में नई: शुल्क दाखिला नहीं होता है यदि यहां दाखिला कराना है तो पहले 20 हजार रुपए जमा कराए। पीड़ित ने कहा कि उसके परिवार की आय एक लाख से कम है।
ऐसे में बीस हजार रुपए कहां से जमा कराए। पीड़ित ने त्रस्त होकर इस मामले को जिला अधिकारी प्ररेणा शर्मा के दरबार मे शिकायत दर्ज कराने के साथ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। जिस पर जिला अधिकारी प्ररेणा शर्मा ने तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता को जांच कर नि: शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत दाखिला देने से इंकार करने वाले स्कूलों पर कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं।
वहीं इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता का कहना है कि आर टी आई के तहत चयनित छात्रों को निजी स्कूलों के द्वारा गरीब छात्रों को दाखिला देने से इन्कार करने की मनमानी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। दाखिला नहीं करने वाले स्कूलों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा