बिहार में जहरीली शराब पीकर 53 लोगों की मौत को लेकर लोगों में गुस्सा है। वहीं दूसरी तरफ बिहार में इसको लेकर जमकर राजनीति की जा रही है। इसकी बड़ी वजह भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि जिस शराब को पीने के बाद इतने सारे लोग मर गए, उस शराब को बनाने के लिए स्प्रिट थाने से ही मिला था। थाने से स्प्रिट का कंटेनर गायब है। जिससे शक जताई जा रही है इसी से जहरीली शराब बनी थी।
सारण में जहरीली शराब से हुई मौत में पुलिस-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। ग्रामीणों ने सबूत के तौर पर एक वीडियो बनाकर उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव के के पाठक को भेजा है। उन्होंने कहा है कि वहीं से चौकीदार व पुलिस की मदद से थाने से स्प्रिट की सप्लाई धंधेबाजों को की गई। कई कंटेनर के ढक्कन गायब है। विभाग ने इस पूरे मामले की जांच शुरू करते हुए ज्वाइंट कमिश्नर कृष्णा पासवान और डिप्टी सेक्रेटरी निरंजन कुमार थाने पहुंचे। वहां उन्होंने देखा तो जब्त स्प्रिट के ड्रम खुले थे। स्प्रिट गायब थी।
वही आपको बता दें कि शराबबंदी में जहरीली शराब पीने के कारण दूसरे दिन भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता रहा। जो अब तक बढ़कर 53 हो गया गया है। मशरक थानाध्यक्ष रितेश मिश्रा व चौकीदार विकेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। मढ़ौरा के डीएसपी इंद्रजीत बैठा का स्थानांतरण करते हुए उनपर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा गृह विभाग से की गई है।
डीएम और एसपी ने आम लोगों से अपील की है कि जो भी लोग शराब संग्रहित कर रखे हैं, उसे नष्ट कर दें। एक टीम प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं, ताकि बीमार लोग उपचार करा सकें।