उत्तर प्रदेश: मुजफ्फरनगर में आशा कार्यकर्ता और उसके पति दंपती ने इलाज के बहाने अविवाहित युवक की नसबंदी करा दी और उसे सड़क पर छोड़ दिया। पीड़ित युवक ने मुजफ्फरनगर एसएसपी से अपनी आपबीती सुनाई और इंसाफ की गुहार लगाई है। पीड़ित ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने कहा कि जांच कराई जाएगी
दरअसल, मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र के गांव रई निवासी गोपाल ने बुधवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर एक आशा कार्यकर्ता दंपती पर धोखे से नसबंदी कराने का आरोप लगाया है। पीड़ित अविवाहित गोपाल ने एसएसपी को दिए ज्ञापन में बताया कि वह कई दिन से बीमार था। इसी दौरान 22 जुलाई को गांव का ही युवक अमरीश उसके पास आया और बताया कि उसकी पत्नी आशा है। वह उसे अस्पताल में दिखवाकर दवाई दिलवा देगा।
अगले दिन दंपती उसे लेकर मखियाली अस्पताल में पहुंचे। आरोप है कि उसे एक इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया गया।बताया कि दोपहर को अमरीश और उसकी पत्नी ने उसे मंदिर के पास छोड़ दिया। कहा कि अभी इंजेक्शन का असर है। उसी दिन से वह बिस्तर पर है। हाल ही में उसे पता चला कि उसकी धोखे से नसबंदी करा दी गई, जबकि अभी वह अविवाहित है। अविवाहित युवक की नसबंदी करने का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।