संवाददाता: नीरज गोला
उत्तर प्रदेश: मेरठ में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले दो सगे भाइयों को 20-20 साल के कारावास की सजा मिली है। साथ ही कोर्ट ने उनके ऊपर 22 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। मंगलवार को मेरठ में विशेष न्यायाधीश न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने दोनो अभियुक्तों निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर को दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई है। दोनों भाइयों ने 2017 में एक 16 साल की लड़की से दुष्कर्म किया था।
आपको बता दें कि 29 मार्च 2017 में थाना सरूरपुर में एक पिता की तरफ से लिखित तहरीर में बताया गया कि कस्बा करनावल निवासी दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति के निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर ने उनकी 16 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि निखिल और परविंदर ने उनकी बेटी को स्कूल जाते वक्त बहला फुसलाकर उसे खेत में लेकर गए, जहां दोनो ने बारी-बारी से रेप करते रहे। दोनो उनकी बेटी को धमकाते रहे कि अगर तूने अपने घर पर किसी को बताया तो तेरे पिता और भाई को मार देंगे।
पीड़िता के पिता ने बताया कि उस दिन से ही बच्ची काफी डरी सहमी रहने लगी। एक दिन मां के पूछने पर बच्ची ने सारी घटना बताई। बच्ची ने बताया कि वह चार महीने की गर्भवती है। दोनों आरोपी उसे जान से मारने की धमकी भी देते हैं। बच्ची के पूरा वाकया बताने के बाद पिता ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा कराया। पीड़िता के वकील पुष्पेंद्र त्यागी और विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन ने बताया कि अभियुक्त दोनों सगे भाई हैं और दोनों का लंबा आपराधिक इतिहास है। निखिल उर्फ गुड्डू पर12 आपराधिक मामले जबकि अभियुक्त परविंदर पर भी 14 मामले दर्ज हैं।
विशेष न्यायाधीश न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने अभियुक्त निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर को मुकदमा अपराध संख्या 93/2017 में धारा 376 डी व 506 भारतीय दंड संहिता व 5G/पोक्सो अधिनियम में दोष सिद्ध किया और दोनों अभियुक्तों को 20-20 साल के कारावास तथा 22 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। घटना के छह साल बाद आए इस अहम फैसले को पीड़ित पिता ने इंसाफ की जीत बताया है।