“माता कभी कुमाता नहीं होती” यह कुछ वो शब्द है जिन्हें हम बचपन से सुनते हुए आए हैं। लेकिन मौजूदा कलयुग में शायद इन लाइनों का कुछ मतलब नहीं रह गया है। मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र में एक मां ने ममता को कलंकित करते हुए अपने ही दो छोटे मासूम बच्चों को मौत के घाट उतरवा दिया।
फोटो में दिख रही है यह महिला मां के नाम पर कलंक है‚ जिसने अपने जिस्म की भूख मिटाने के लिए अपने ही दो मासूम बच्चों को बेरहमी से हत्या करवा डाली और फिर उनके शवों को नहर में फिंकवा दिया। इस घटना ने पूरे मेरठ शहर को हिला कर रख दिया है।
पुलिस गोताखोरों की मदद से नहर में मासूम बच्चों के शवों की तलाश कर रही हैं। शुक्रवार दोपहर तक बच्चों की तलाश जारी रही‚ लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। आपको बता दें कि मेरठ के खैरनगर में बुधवार शाम मासूम भाई-बहन (6 वर्ष की बेटी‚ 10 वर्ष का बेटा) के अपहरण का हल्ला मचा था।
सूचना पर एसओजी, सर्विलांस सहित दस टीमें बच्चों की तलाश में लगी थी। पुलिस सीसीटीवी की मदद से बच्चों की तलाश में जुटी थी लेकिन बाहर किसी भी कैमरे में बच्चे कहीं आते-जाते नही दिखाई दिए। परिजनों ने बच्चों की मां निशा के चरित्र पर सवाल उठाए तो पुलिस का शक गहरा गया। रात में पुलिस ने दो महिला सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूर्व पार्षद सऊद फैजी के बारे में पूछताछ की।
इस दौरान निशा और सऊद फैजी के प्रेम-संबंध की पोल खुल गई। हत्या कर बच्चों के शव कहां फेंके, यह बात सिर्फ सऊद को पता था। उसकी तलाश में पुलिस ने फील्डिंग लगाई, तभी वह खुद देहलीगेट थाने पहुंच गया। वह बोला कि मैंने और निशा ने बच्चों को मारा है। उनके शव नहर में फेंक दिए हैं।
सारे दिन रोने का नाटक करती रही कातिल मां
पुलिस ने बताया कि बच्चों को सलमान नाम का एक शिक्षक घर पर ट्यूशन पढ़ाने के लिए आता था। बुधवार को निशा ने बच्चों की तबीयत खराब बताकर शिक्षक को मना कर दिया था। पुलिस ने शिक्षक सलमान और 4 पड़ोसी सहित 10 लोगों से पूछताछ की। दिनभर निशा रोने का नाटक करती रही‚ पुलिस भी 500 मीटर के दायरे में अपनी जांच को आगे बढ़ाती रही। पड़ोसी की मदद से रात में निशा का भेद खुला तो हर कोई हैरान रह गया।
रोते बिलखते बच्चों के पिता ने बताया कि बड़ी मन्नतो के बाद उसके घर में मेराब और कैनन पैदा हुए थे। इससे पहले पिता शाहिद ने अपने तीन बच्चों को खो दिया था। हर कोई इस हत्याकांड को लेकर मां को कोस रहा है।