उत्तर प्रदेश: मेरठ जिले के हस्तिनापुर स्थित प्रसिद्ध श्वेताम्बर जैन मंदिर (छोटा मंदिर) और अष्टापद मंदिर के प्रबंधक पर एससीएसटी एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। थाने से लेकर एसएसपी तक गुहार लगाने के बाद भी कोई करवाई ना होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए हस्तिनापुर थाने को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
दरअसल, हस्तिनापुर के मखदुमपुर कॉलोनी निवासी एक दलित विधवा महिला का आरोप है कि वह श्वेताम्बर जैन मंदिर में नौकरी करती थी। मंदिर के प्रबंधक तेजपाल पुत्र खचेडू (60) ने अपने आपको अविवाहित बताते हुए विधवा महिला को धोखे में रखकर शादी कर ली थी। बकौल पीड़िता, कुछ समय पश्चात उसको तेजपाल के शादीशुदा होने का पता चला तो उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। महिला ने जब तेजपाल से इसके बारे में पूछा तो उसने अपना मुंह बंद रखने के लिए अनेक प्रलोभन दिए लेकिन महिला ने सभी को ठुकरा दिया।
आरोप है जिसके पश्चात तेजपाल ने अपने रिश्तेदार और अन्य से महिला पर जानलेवा हमला कराया, तो महिला के सिर में कई टांके आए। पीड़िता ने थाने में तहरीर दी लेकिन कोई करवाई ना होने पर महिला ने सीओ मवाना और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। मेरठ एसएसपी रोहित सिंह सजवान के ऑफिस में तीन बार अर्जी दी। तीनों बार पीड़िता अपना प्रार्थनापत्र और एसएसपी ऑफिस से मिली पीली पर्ची को लेकर भटकती रही लेकिन, हस्तिनापुर थाना पुलिस को शायद एसएसपी के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते और रसूखदार आरोपी के सामने पुलिस नतमस्तक हो गई और कोई करवाई नही की उल्टा हस्तिनापुर पुलिस ने आनन फानन में पीड़ित महिला के ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया।
सभी जगहों से निराश होकर अंत में पीड़ित महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने महिला की गुहार सुनी और हस्तिनापुर पुलिस को एससीएसटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। मजबूरन पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। हालांकि मुकदमा दर्ज होने के तीन दिन बाद भी अभी आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है। इस बारे में पीड़िता के अधिवक्ता पुष्पेंद्र त्यागी ने बताया कि मंदिर के प्रबंधक और 4 अन्य पर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है।