मेरठ में एक बार फिर तेल चोरी और मिलावटी तेल का बड़ा खेल सामने आया है। पुलिस ने बुधवार को परतापुर के गेझा गांव में मिलावटी डीजल बनाने का पूरा प्लांट पकड़ा है। 2 लाख 40 हजार ऑइल स्टॉक कैपेसिटी वाले प्लांट में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के टैंकरों से डीजल चोरी किया जा रहा था।
इतना ही नहीं, चोरी के डीजल में केमिकल मिलाकर मिलावटी डीजल बनाया जाता। ये मिलावटी डीजल एनसीआर तक सप्लाई होता था। केमिकल ट्रेडिंग के लाइसेंस पर मेरठ का मनीष गुप्ता नकली डीजल का कारोबार कर रहा था।
पुलिस ने पूरे मामले में फिलहाल 8 लोगों को अरेस्ट कर मुकदमा दर्ज किया है। दैनिक भास्कर की टीम जब गेझा गांव में ग्राउंड पर इस प्लांट की हकीकत जानने पहुंची तो लोगों ने मिलावटी तेल के खेल का पूरा सच बताया….
पुलिस ने इस पूरे मामले में अब तक 8 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें मनीष गुप्ता, आशीष गुप्ता, अवनीश गुप्ता, पंकज कुमार, गजेन्द्र उर्फ गजन, प्रकाश, शिवांक उर्फ शिवम शर्मा, बृज किशोर पुत्र मूलचन्द है। पुलिस ने तेल प्लांट को सील कर दिया है। वहीं पुलिस एचपीसीएल से लेकर अन्य पेट्रोलियम कंपनियों से भी इस खेल से जुड़े और लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
गेझा गांव में हमें सबसे पहले मदनपाल मिलते हैं। अमित ने हमें बताया कि प्लांट में बस टैंकर आते थे और जाते थे इसके अलावा मैंने आज तक यहां कुछ नहीं देखा। मैं तो यहीं गेझा गांव में रहता हूं। सुबह शाम इस रास्ते से गुजरता हूं। यहां सुबह से शाम तक बस टैंकर ही टैंकर आते थे दो से तीन टैंकर रोजाना आ जाते थे, दिन में कंपनी के टैंकर आते थे रात को सामान्य टैंकर यहां से बाहर जाते थे।
आगे चलने पर हमें संदीप मिले। संदीप कुमार ने बताया कि यहां अक्सर रात के वक्त मैंने टैंकर जाते देखा डीजल के सबसे ज्यादा टैंकर होते थे, उन पर पेट्रोलियम कंपनी का नाम भी लिखा होता था। रात के समय में अक्सर ये गतिविधियां दिखती थी। इतनी स्पीड से ये टैंकर आते थे कि पास का आदमी भी देख न सके। हालांकि कोई व्यक्ति हमें कभी नहीं देखा पहले भी यहां छापेमारी हुई है लेकिन इस बार पुलिस ने ज्यादा ही सख्ती कर दी इसलिए ये पकड़े गए।
जमीन के मालिक हमारे गेझा गांव के पूर्व प्रधान अनिल हैं उन्होंने प्लांट के लिए अपनी जमीन किराए पर दी है हालांकि इससे ज्यादा उनका कोई जुड़ाव नहीं है।
गांव में हमें 70 साल के बुजुर्ग मदनपाल ने बताया कि पिछले 3 साल से ये प्लांट चल रहा था। काफी लोग आते जाते थे जो यहां काम करते थे। पुलिस एकाध बार पहले भी यहां आई है लेकिन इतनी तगड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
मोहित गुप्ता उसके साथी यहां प्लांट में मिलावटी डीजल बनाकर उसे फैक्ट्रियों में मशीनों को चलाने और जनरेटर सेट्स चलाने के लिए सप्लाई करते थे। तमाम जगहों पर उनकी सप्लाई थी। बताया जा रहा है कि ये लोग 20 रुपए लीटर के हिसाब से मिलावटी डीजल बेचते।
रोजाना 2हजार लीटर डीजल सप्लाई किया जाता था। इस हिसाब से देखें तो महीने में लाखों रुपयों का मिलावटी डीजल यहां से सप्लाई हो रहा था। गोदाम मेंलगभग तीन लाख लीटर डीजल रखने की कैपेसिटी के 4 टैंकर जमीन में दबे मिले हैं। अब तक मनीष करोड़ों रुपयों का नकली डीजल बेचकर मोटी कमाई कर चुका है।
डिपो से निकले असली तेल के टैंकर से रास्ते में जीपीएस निकालकर उसे अवैध गोदाम की तरफ डायवर्ट किया जाता। एक आदमी टैंकर के जीपीएस को लेकर सड़क पर घूमता रहता। कंपनी पूछती की टैंकर क्यों रुका है तो कहता जाम लगा है। तब तक गोदाम में टैंकर से 10 से 15 प्रतिशत असली तेल चोरी किया जाता।
इतने अनुपात में टैंकर में थिनर, मिनरल वॉटर और हाइड्रो कार्बन का सॉल्वेंट मिलाकर टैंकर पेट्रोल पंप के लिए रवाना किया जाता। रास्ते में टैंकर में जीपीएस लगाकर पेट्रोल पंप पर जाकर मिलावटी तेल सप्लाई हो जाता। उधर गोदाम में निकाला टैंकर के असली तेल में सॉल्वेंट कर मिलावटी तेल बनाकर उसे एनसीआर में फैक्ट्री में मशीनें चलाने, शादियों में जनरेटर्स चलाने आदि के लिए बेचा जाता था।
गोदाम गेझा गांव के अनिल गुप्ता का है। जो उसने ब्रहमपुरी के मनीष गुप्ता को 21 हजार रुपया महीना के किराए पर दिया था। मनीष केमिकल कारोबारी है। केमिकल के काम के लिए उसे गोदाम चाहिए था। इसलिए उसने यह जगह किराए पर ली थी। यहां मिलावटी तेल का पूरा अवैध प्लांट खड़ा कर लिया। लगभग 800 गज से बड़े एरिया में तेल का अवैध कारोबार चल रहा था। केमिकल सप्लाई की आड़ में मनीष गुप्ता यहां तेल का अवैध कारोबार कर रहा था।
नोएडा से मंगाता था थिनर, हाइड्रोकार्बन कंपाउंड
मनीष केमिकल कारोबारी है, इसलिए एनसीआर में उसके केमिकल के बड़े डीलर्स से कांटेक्ट है। पेट्रोल, डीजल में मिलावट करने के लिए वो नोएडा की कंपनियों से सॉल्वेंट मंगाता। भारी तादात में सॉल्वेंट मंगाकर गोदाम में स्टॉक करता। इसे असली तेल में मिलाकर मिलावटी फ्यूल बनाकर मोटे दामों में सप्लाई करता। मिलावटी तेल शादियों में चलने वाले जनरेटर, इंडस्ट्रियल मशीनरी के संचालन में यूज होता है। पूरे दिल्ली, एनसीआर, गाजियाबाद तक मिलावटी तेल की सप्लाई करता था।
पुलिस का जो कहना है वो पढ़िए
एएसपी अंतरिक्ष जैन को मुखबिर से इस तेल प्लांट की सूचना मिली थी। इसके बाद यहां पुलिस ने रेड डाली थी। एएसपी ने बताया कि पूरे मामले में हम लोग 8 लोगों को अरेस्ट कर मुकदमा लिख चुके हैं। यहां एचपीसीएल के अलावा और कौन सी पेट्रोलियम कंपनियों के तेल टैंकरों से तेल चोरी कर मिलावटी डीजल बन रहा था इसकी चैकिंग भी कर रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। ताकि इस पूरी सप्लाई चैन का खेल उजागर कर सकें। पेट्रोलियम कंपनियों से भी इस मामले में पूछताछ करेंगे।