पटना: बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के टी-105 आदमखोर बाघ को शनिवार दोपहर को मार दिया गया है।तीन साल का यह बाघ अब तक 10 लोगों की जान ले चुका था। शनिवार सुबह भी इस बाघ ने गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव में मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया था। बाघ की मौत के बाद स्थानीय लोगों और वनकर्मियों ने चैन की सांस ली है। वन अधिकारियों ने उसे शूटर्स के जरिए मौत के घाट उतारा।
दरअसल, VTR (वाल्मिकी टाइगर रिजर्व) से सटे गांवों में बाघ के लगातार हो रहे हमले से लोग खौफजदा थे। आदमखोर बाघ ने इसी हफ्ते बुधवार देर रात घर में सो रही एक 12 साल की बच्ची को मार दिया था। शुक्रवार सुबह भी उसने रामनगर के एक शख्स पर हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। शनिवार सुबह बलुआ गांव में चारा काटने गई महिला और उसके बेटे पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और गुस्साए लोगों ने वनविभाग के कर्मियों को पकड़कर बंधक बना लिया था।
बताया गया कि एक दिन पहले ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने उसे गोली मारने के आदेश जारी किए थे। इसके लिए शूटर्स और नेपाल से विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई गई थी। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों और दर्जनों शूटर्स एवं वनकर्मियों ने तलाशी अभियान शुरू किया और बाघ को ढूंढ़कर गोली मार दी गई। हालांकि बीते 27 दिनों से कई जगहों पर रेस्क्यू अभियान भी चलाया था, लेकिन आदमखोर बाघ हर बार टीम को चकमा देकर निकल जा रहा था।