UP: उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल में स्थापित और संचालित 16 चीनी मिलों में से हापुड़ की बृजनाथपुर शुगर एवं सिंभावली शुगर मिल सहित 14 चीनी मिलों का गन्ना पेराई सत्र समापन कर दिया गया है।
जबकि हापुड़ की दोनों चीनी मिलों का गन्ना पेराई सत्र समापन होने के उपरांत भी किसानों के गन्ने का करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं होने के चलते किसान आंदोलनारत है। और अपने गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर ब्याज सहित भुगतान करने की मांग पर अड़े हुए हैं। मेरठ मंडल की 16 चीनी मिलों में से मेरठ मंडल की बागपत चीनी मिल और रमाला सहकारी शुगर मिलों का गन्ना पेराई सत्र अभी भी जारी है।
प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2022/23 की शुरुआत सितंबर अक्टूबर में हुई थी। जिसके चलते मेरठ मंडल की सभी 16 शुगर मिलो ने गत वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 16 करो कुंतल से अधिक गन्ने की पेराई की है। और अभी भी बागपत और रमाला सहकारी चीनी मिलों का गन्ना पेराई सत्र संचालित है।
मेरठ मंडल की बागपत शुगर मिल एवं रमाला सहकारी शुगर मिल के गन्ना पेराई सत्र को लेकर अधिकारियों का क्या कहना हैA इन दोनों चीनी मिलों के गन्ना पेराई सत्र को लेकर गन्ना अधिकारियों का कहना है कि बागपत चीनी मिल बंद होने की अनुमति 30 मई है।
रमाला सहकारी शुगर मिल बंद होने की अनुमति 2 जून दी हुई है। इस निर्धारित तिथि तक यदि किसानों का गन्ना खेतों में पैरा योग्य शेष रहता है तो यह मिल तब तक बंद नहीं होंगी जब तक किसानों का गन्ना खत्म नहीं हो जाता है। 15 जून तक संपूर्ण गन्ना पेराई करके सत्र समापन किया जाएगा। वहीं हापुड़ जनपद की दोनों चीनी मिलें बंद होने के उपरांत भी किसान अपने गन्ने के भुगतान की ब्याज सहित मांग करते हुए अपनी लड़ाई लड़ रहे।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा