Paryagraj: अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद के शवों को रविवार देर शाम प्रयागराज के कसारी- मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। सोमवार को प्रयागराज के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में लोगों के बीच अक्रोष देखने को मिला‚ हालांकि कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नही दिखा। इस बीच मीडिया में अतीक और अशरफ के कई ऐसे बयान सामने आए जिनमें दोनों ने कुछ दिन पहले ही अपनी हत्या की आशंका जताई थी।
द-वायर में छपी रिपोर्ट के अनुसार जब मंगलवार (11 अप्रैल) को अतीक अहमद गुजरात के अहमदाबाद की साबरमती केंद्रीय जेल से इलाहाबाद लाया जा था तो तब उसने मीडिया से कहा था कि ‘ये लोग मुझे ले जा रहे हैं, इनकी नीयत सही नहीं है, यह हमें खाली परेशान करना चाहते हैं, मारना चाहते हैं… अतीक ने यह भी कहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराओ, तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जब यहां है तो मुझको ले जा रहे हैं… काहे के लिए ले जा रहे हैं।’
इस संयोग कहे या साजिश‚ मौत की आशंका जताने के ठीक 4 दिन बाद यानी शनिवार 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस हिरासत के दौरान ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। जो एक बड़ा सवाल है।
अशरफ को पहले ही बता दिया था दो सप्ताह में हो जाएगी हत्या
द-वायर की रिपोर्ट के अनुसार अतीक ही नही बल्कि उसके साथ मारे गए उसके भाई अशरफ और उनके परिजन भी हत्या की ऐसी ही आशंकाएं बार-बार जता रहे थेअशरफ ने तो एक मौके पर यह भी कहा था कि एक अधिकारी ने उसे बताया है कि दो हफ्ते बाद उसे मार दिया जाएगा. और दो हफ्ते बाद उसकी हत्या हो भी गई।
फिलहाल तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। योगी सरकार ने इस मामले में रिटायर्ड जज की अगुवाई में न्यायिक आयोग का गठन भी कर दिया है। जो कुछ महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।