UP: एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुःख उसके सामने उसके बेटे की मौत होता है‚ इस हालत में वह अपने आंसु छिपाए किसी से कुछ कहने की हालत में नही होता। लेकिन अतीक अहमद को उसके गुनाहो की ऐसी सजा मिली कि एक तरफ उसके बेटे का जनाजा उठ रहा था तो दूसरी तरफ पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही थी। वो अपने बेटे के जनाजे को कंधा देना चाहता था‚ लेकिन दे ना सका। पुलिस की गिरफ्तारी के डर से उसकी पत्नी भी अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम चेहरा नही देख सकी।
आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को यूपी पुलिस ने दो दिन पहले एनकांउटर में मार गिराया था। शनिवार को दोनों का अंमित संस्कार कर दिया गया। इस मामले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस ने रिमांड पर लिया हुआ है और पूछताछ कर रही है। शनिवार को जब असद को दफनाया जा रहा था तो उस समय भी पुलिस अतीक अहमद से लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई थी। हालांकि ऐसी हालत में अतीक ने किस तरह से पुलिस के सवालों का जवाब दिया गया होगा‚ आप आसानी से जान सकते हैं।
अशरफ और अतीक से प्रयागराज के धूमनगंज थाने में तीन दिनों से पूछताछ जारी है। शनिवार को दोपहर करीब पौने एक बजे यूपी एटीएस के सात अफसर एक बार फिर से धूमनगंज थाने पहुंचे और अतीक अहमद के साथ अशरफ से भी पूछताछ की। बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर भी पूछताछ की गई। इसके अलावा उमेश पाल शूटआउट में इस्तेमाल किए गए असलहे के बारे में भी पूछताछ की गई है।
अतीक नही देख पाया बेटे का अंमित चेहरा
अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। बेटे के जनाजे में अतीक अहमद और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन दोनों ही शामिल नहीं हो पाए हैं। हालांकि अतीक अहमद ने कोर्ट में जनाजे में शामिल होने के लिए अर्जी दी थी लेकिन सुनवाई होने से पहले ही असद को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
माता-पिता के अलावा असद के जमाने में उसके परिवार का कोई अन्य सदस्य भी शामिल नहीं हो सका। असद के नाना और मौसा के अलावा मोहल्ले के कुछ लोग ही जनाजा प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने चारों तरफ से सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। कब्रिस्तान में भी ड्रोन से निगरानी की जा रही थी।