नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल के एक पत्रकार संजय राणा को कथित तौर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी से एक समारोह के दौरान सवाल पूछने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, उनके खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला महामंत्री शुभम राघव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है.
11 मार्च को मंत्री गुलाब देवी संभल के बुद्धनगर खंडवा गांव में एक चेक डैम के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंची थीं. समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया है, जिसमें राणा मंत्री से सवाल करते हैं, ‘(चुनाव से पहले) आपने कहा था कि… यह (बुधनगर खंडवा, जहां आयोजन हो रहा था) मेरा अपना गांव है. आपने मंदिर पर खड़े हो के शपथ ली थी कि यह गांव मेरा है, मैं इस गांव की हूं. आपने जो इस गांव के बड़े-बुजुर्ग हैं, उनसे भी कहा था कि जो काम होगा, मुझे बताएं मैं करवाउंगी. आपने कहा यदि इस बार मेरी विजय होती है तो मैं इस गांव में दोबारा आउंगी, इसके बाद भी आप इस गांव में दोबारा नहीं आई थीं.’
राणा आगे कहते हैं, ‘बुधनगर में एक भी बारातघर नहीं है, न ही यहां कोई सरकारी शौचालय की व्यवस्था है. और आपने कहा था कि मंदिर से लेके (हाथ के इशारे से बताते हुए) इस वाली रोड को पक्का करवाओगी, खड़ंजा वाला रोड पक्का करवाउंगी, अभी तक यहां रोड ऐसी कच्ची है कि बाइक से ले के पैदल वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं… आपने ये भी कहा था कि मैं देवी मां के मंदिर की बाउंड्री भी बनवाऊंगी, आपने अभी तक उसकी सुनवाई नहीं की थी. गांववालों ने बहुत दबाव भी दिया था, वो आपके कार्यालय भी गए थे, वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आप बताइए, इस बारे में क्या कहेंगी?’
राणा माइक मंत्री गुलाब देवी की ओर ले जाते हैं, इसी बीच पीछे से एक महिला कहती हैं कि ‘आप अपना प्रचार कर रहे हैं या समस्या रख रहे हैं?’ राणा जवाब देते हैं कि उन्हीं ने समस्या बताने को कहा था. मंत्री बीच में टोकते हुए कहती हैं कि ‘मुझसे पूछो कि वहां का काम कब तक करवाओगी.’
राणा कैमरा पर न दिख रही महिला से बात करते हुए आगे कहते हैं कि आप कहते हैं कि जनता की आवाज आप तक नहीं पहुंचेगी तो क्या करेंगे, आप कहते हैं कि काम हुआ, जब काम नहीं हुआ तो क्या करेंगे. इस पर वह महिला जनता से पूछती हैं कि कौन-कौन इस बात से सहमत है. राणा अपने सवाल भीड़ के सामने दोहराते हैं, भीड़ उनकी बात का समर्थन करती है.
इस पर मंत्री गुलाब देवी टोकते हुए कहती हैं, ‘तेरी निगाहें मैं बहुत देर से पहचान रही थी. जब तू वहां खड़ा था, तब भी मैं तेरी निगाहें पहचान रही थी. ये सारी बातें तेरी ठीक हैं, जो तूने कही हैं. अभी समय नहीं निकला है.’
यह क्षेत्र चंदौसी विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से गुलाब देवी विधायक हैं. संजय राणा के सवालों का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
द क्विंट के अनुसार, घटना के बाद स्थानीय भाजयुमो नेता ने संजय राणा के खिलाफ गली-गलौज करने और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई, जिसे लेकर पुलिस ने राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग के इरादे से जानबूझकर अपमान करना),और 506 ( आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है.
सामने आए एक वीडियो में गिरफ़्तारी के बाद भी संजय अपने सवाल जारी रखे हुए हैं. एक परिसर में खड़े हुए संजय वीडियो में कहते दिखते हैं, ‘मैंने मंत्रीजी से सवाल-जवाब किए थे. उन्होंने कहा था कि 75 लाख गांव की तरक्की के लिए दिए जा रहे हैं, वहां 10 लाख का भी हिसाब नहीं है. इसी बात पर सवाल किया, फिर मुझे यहां लाया गया.’
एक व्यक्ति पूछता है कि हथकड़ी लगाकर क्यों लाए हैं, तो संजय जवाब देते हैं, ‘मंत्रीजी ने कहा कि इस लड़के ने मुझसे क्यों सवाल-जवाब किए हैं.’ शुभम राघव की मंच पर चढ़कर मारपीट की शिकायत के बारे में पूछने पर वे कहते हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. वो सचिव से (मंत्री से बात करने की) इजाज़त लेकर ही वहां गए थे.
गाली-गलौज के आरोप पर वे कहते हैं कि उनके पास घटना का वीडियो है. और किसी के पास हो उनकी गाली-गलौज का वीडियो तो दिखा दे.
एफआईआर दर्ज होने को लेकर वो आगे कहते हैं, ‘मैंने कोई गलत हरकत नहीं की… जब कोई गलत खबर दे रहा है कि हमने इतना विकास कर दिया, पर आपने कुछ भी नहीं किया है, तो ऑब्जेक्शन तो उठाएंगे न!’
राणा की गिरफ़्तारी को लेकर विपक्षी समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है.
पार्टी द्वारा एक ट्वीट में इस घटना के वीडियो को साझा करते हुए कहा गया, ‘संभल में ग्राउंड रिपोर्टर संजय राणा ने भाजपा सरकार में मंत्री गुलाब देवी से विकास के मुद्दे पर सवाल पूछे तो मंत्री महोदया ने पत्रकार को जेल में डलवा दिया।
ये भाजपा सरकार में अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही नहीं तो और क्या है? भाजपा सिर्फ चाटुकार पत्रकारिता चाहती है, सवाल पूछना मना है?’
आम आदमी पार्टी- उत्तर प्रदेश ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर होते हुए कहा, ‘ये कैसा अमृतकाल चल रहा है, जहां सवाल पूछने पर पत्रकार को ही जेल भेज दिया जा रहा है?’
आर्टिकल साभार- द वायर